गृहमंत्री अमित शाह के पत्र के बाद बैकफुट पर आई ममता सरकार, 8 श्रमिक ट्रेनों को दी मंजूरी
नई दिल्ली: देश में कोरोना का कहर तेजी से बढ़ता जा रहा है, जहां अब तक 59 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं। पश्चिम बंगाल भी कोरोना से बुरी तरह प्रभावित है, जहां 1600 से ज्यादा मरीज कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। इस महामारी के बीच बंगाल और केंद्र सरकार में तनातनी जारी है। प्रवासी श्रमिकों को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखा। जिसके बाद बैकफुट पर आई बंगाल सरकार ने प्रवासी मजदूरों को लेकर अहम फैसला लिया।

मजदूरों के लिए ट्रेन को मंजूरी
बंगाल सरकार ने शनिवार को आठ श्रमिक ट्रेनों को मंजूरी दी है। इन ट्रेनों की मदद से जल्द ही देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे मजूदरों को वापस लाया जाएगा। इसके बाद उन सभी को क्वारंटाइन कर उनकी जांच की जाएगी। बंगाल सरकार का ये फैसला गृहमंत्री अमित शाह के पत्र के बाद आया है। वहीं टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी ने मामले में गृह मंत्रालय पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि इस मुश्किल वक्त में गृह मंत्रालय अपना फर्ज नहीं अदा कर पा रहा है। एक हफ्ते बाद गृहमंत्री ने अपनी चुप्पी तोड़ी है वो भी लोगों को गुमराह करने के लिए। उन्होंने कहा कि गृहमंत्री के सारे आरोप निराधार हैं, उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
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A HM failing to discharge his duties during this crisis speaks after weeks of silence, only to mislead people with bundle of lies! Ironically he’s talking about the very ppl who’ve been literally left to fate by his own Govt. Mr @AmitShah, prove your fake allegations or apologise https://t.co/HeWYWFafZ5
— Abhishek Banerjee (@abhishekaitc) May 9, 2020
गृहमंत्री ने लगाए थे गंभीर आरोप
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अपने पत्र में लिखा कि लॉकडाउन में फंसे मजूदरों को घर पहुंचाने के लिए केंद्र सरकार लगातार प्रयास कर रही है। इसी का नतीजा है कि दो लाख से ज्यादा मजदूर अपने गृह राज्य पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद बंगाल में ममता बनर्जी की सरकार मामले में सहयोग नहीं कर रही है। पश्चिम बंगाल में जो मजदूर फंसे हैं वो घर जाना चाहते हैं, लेकिन ममता सरकार कोई कदम नहीं उठा रही है। वहीं पश्चिम बंगाल में दूसरे राज्यों से मजदूरों को लेकर जाने वाली श्रमिक स्पेशल ट्रेन को भी अनुमति नहीं दी जा रही है। शाह ने आगे लिखा कि ऐसा करना मजदूरों के साथ अन्याय पूर्ण होगा।

केंद्र और गवर्नर से चल रहा विवाद
आपको बता दें कि केंद्र और ममता सरकार के बीच विवाद का ये कोई पहला मौका नहीं है, इससे पहले भी केंद्र सरकार और ममता सरकार के बीच तनातनी हो चुकी है। केंद्र सरकार ने ममता सरकार पर लॉकडाउन और कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लेने का आरोप लगाया था। जिस पर ममता बनर्जी ने पलटवार करते हुए कहा था कि केंद्र सरकार खुद लॉकडाउन को लेकर सही फैसले नहीं ले पा रही है। कुछ दिन पहले मामला इतना बढ़ गया था कि राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने लॉकडाउन के दौरान सेंट्रल फोर्स की तैनाती की मांग की थी।