आईएलएफएस के कर्ज संकट से लाखों कर्मचारियों के पीएफ पर खतरा, ममता बनर्जी ने पीएम मोदी को लिखी चिट्ठी
नई दिल्ली। आईएलएफएस पर कर्ज संकट और उसके दिवालिया होने के अंदेशे के चलते से करीब 15 लाख कर्मचारियों के पीएफ पर खतरे को देखते हुए पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खत लिखा है। ममता ने पीएम से मामले में एक उच्च स्तरीय स्वतंत्र जांच की मांग की है, ताकि आम लोगों का पैसा डूबने से बच सके और इसमें हुई अनियमितताएं सामने आएं।
इनफ्रास्ट्रक्चर निवेश से जुड़ी कंपनी आईएलएफएस पर कर्ज संकट गहराने से 15 लाख से ज्यादा कर्मचारियों के भविष्य निधि खाते (पीएफ) में जमा रकम के डूबने का खतरा है। इसकी वजह ये है कि कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने पीएफ और पेंशन फंड खाते का ज्यादातर पैसा आईएलएफएस समूह की सहायक कंपनियों में निवेश किया है। समूह की कई कंपनियों के दिवालिया होने पर निवेश की गई रकम के भी डूबने का खतरा है।
West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee writes to Prime Minister Narendra Modi to "Initiate a high level impartial and independent probe on the sordid affairs of financial impropriety and possible misappropriation of the life savings of common people due to the IL&FS fiasco." pic.twitter.com/bEo9xqm1tR
— ANI (@ANI) February 18, 2019
इंफ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज (आईएल एंड एफएस) अपने कर्जों की किस्त नहीं चुका पा रही है। आईएलएफस का ऋण संकट पिछले साल जुलाई में सामने आया था। कंपनी के शीर्ष स्तर पर अनियमितताओं की भनक लगने के बाद सरकार ने तत्कालीन बोर्ड को बर्खास्त कर नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया था।
आईएल एंड एफएस पर कुल 90,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। इसमें सबसे ज्यादा हिस्सेदारी सरकारी कंपनियों की है। 2017-18 के आंकड़ों के अनुसार, आईएल एंड एफएस समूह में 169 कंपनियां हैं। इस सबमें आम लोगों की कमाई भी दांव पर लगी है क्योंकि लोगों का प्रोविडेंट फंड और पेंशन में पैसा लगा है।
महाराष्ट्र में गठबंधन, भाजपा 25, शिवसेना 23 लोकसभा सीटों पर लड़ेगी