ममता बनर्जी ने बीजेपी पर बोला हमला, 'नेताजी के लिए क्यों नहीं बनाया कोई स्मारक'
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के मद्देनजर सियासी सरगर्मी तेज हो गई है। इसको देखते हुए आज शनिवार को सुभाष चंद्र बोस के 125वीं जयंती के अवसर पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपनी आठ किमी लंबी पदयात्रा शुरू कर दी है। ये पदयात्रा श्याम बाजार से शुरू हुई और अब रेड रोड पर खत्म होगी। ममता ने शंख बजाकर इस यात्रा का शुभारंभ किया।

इस दौरान उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, "मैं नेताजी की जयंती को राष्ट्रीय अवकाश घोषित नहीं करने के केंद्र के फैसले का विरोध करती हूं। आप नई संसद बना रहे हैं और नए विमान खरीद रहे हैं ... नेताजी के लिए कोई स्मारक क्यों नहीं?"
उन्होंने नेताजी द्वारा परिकल्पित योजना आयोग को समाप्त करने और इसे नीति आयोग के साथ बदलने के लिए केंद्र की आलोचना की। उन्होंने कहा सरकार को इसे वापस लाना चाहिए।
उन्होंने भाजपा को नेताजी के जन्मदिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मानाने का भी विरोध किया। उन्होंने कहा, "पराक्रम दिवस का क्या मतलब है? अगर आप मुझसे बात नहीं करना चाहते थे तो कम से कम सुगाता बोस (नेताजी के पोते) से तो बात कर सकते थे। अगर आपकी कार्रवाई गलत है तो हम आपको प्रतिक्रिया देंगे।"
उन्होंने कहा, "मैं पराक्रम का मतलब नहीं समझती। मैं उनके देश प्रेम को समझती हूं। नेताजी एक दर्शन है ... एक भावना है। वह धर्मों की एकता में विश्वास करते थे।" "आज हमने 'देशनायक दिवस' क्यों घोषित किया है? क्योंकि टैगोर ने उन्हें उपाधि दी थी ... क्योंकि नेताजी ने टैगोर के गीत को राष्ट्र गान के रूप में मान्यता दी थी।"
सैकेड़ों की संख्या में समर्थक ममता बनर्जी के साथ इस मार्च में मौजूद हैं। पद यात्रा को लेकर यातायात पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि यात्रा को देखते हुए सभी आवश्यक इंतजाम कर लिए गए हैं। परिस्थिति के अनुसार निर्णय लिया जाएगा। टीएमसी जहां सुभाष चंद्र बोस की जयंति को सेनानायक दिवस के रूप में मना रही है वहीं, भाजपा ने इस दिवस को पराक्रम दिवस के रूप में मनाने का एलान किया है।
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वहीं इस मौके पर ममता बनर्जी ने कहा कि नेताजी बहुत ही सच्चे इंसान थे और एकता में विश्वास रखते थे। उन्होंने ट्वीट किया, "हम इस दिवस को देश नायक दिवस के रूप में मना रहे हैं।" उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ने 23 जनवरी 2022 तक उनके जयंति समारोह को मनाने के लिए एक कमिटि का भी गठन किया है। उन्होंने कहा, "आजाद हिंद फौज के नाम पर एक स्मारक, राजारहाट में बनाया जाएगा। नेताजी के नाम पर एक विश्वविद्यालय भी स्थापित किया जा रहा है, जिसे राज्य द्वारा पूरी तरह से वित्त पोषित किया जाएगा, और उसका विदेशी विश्वविद्यालयों के साथ टाई-अप होगा।"
अब से कुछ ही देर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विक्टोरिया मेमोरियल में आयोजित ''पराक्रम दिवस'' समारोह को संबोधित करेंगे। दोनों ही पार्टियों चुनावों को देखते हुए हर अवसर को भुनाने की तैयारी में हैं और इसमें कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है।