ममता का सॉफ्ट हिंदुत्व कार्ड: BJP को चुनौती देने के लिए TMC बनाएगी बंगाल में 10 सूर्य मंदिर
नई दिल्ली। बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) भी हिंदू वोटरों को लुभाने के लिए 'सॉफ्ट हिंदुत्व' का कार्ड खेलने जा रही है। टीएमसी ने फैसला किया है कि 2019 से पहले पार्टी राज्य में 10 सूर्य मंदिरों का निर्माण करेगी। राज्य में बीजेपी की बढ़ती ताकत को देखते हुए टीएमसी ने साउथ बंगाल के आसनसोल में हिंदु मंदिरों का निर्माण करने की योजना बनाई है। इसके लिए टीएमएसी के वरिष्ठ नेता और आसनसोल म्युनिसिपल कारपोरेशन के मेयर जितेंद्र कुमार तिवारी मंदिरों के निर्माण के नेतृत्व के रूप में भूमिका निभा रहे हैं।
प्रत्येक मंदिर पर 2 करोड़ होंगे खर्च
आसनसोल के मेयर जितेंद्र कुमार ने आसनसोल में 10 सूर्य मंदिर बनाने की बात कही है और इसके लिए मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से उन्हें हरी झंडी भी मिल गई है। लोकसभा चुनाव से पहले-पहले आसनसोल में टीएमसी 10 सूर्य मंदिर खड़े करेगी और प्रत्येक मंदिर पर इसके लिए कम से कम 2 करोड़ रुपये खर्च होंगे। टीएमसी नेता जितेंद्र सिंह ने कहा, 'हम मंदिरों के निर्माण के लिए स्थानीय लोगों से धन जुटाने शुरू कर चुके हैं। हमने धन जुटाने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में मंदिर समितियों का गठन किया है।'
आसनसोल में ही क्यों?
दक्षिण पश्चिम बंगाल में आसनसोल-दुर्गापुर बेल्ट राजनीतिक रूप से बहुत महत्वपूर्ण है। पिछली बार लोकसभा चुनाव के वक्त यहीं से बीजेपी ने हिंदू वोटरों को अपनी तरफ खींचने की कोशिश की थी। बीजेपी के बाबुल सुप्रियो ने इसी क्षेत्र से जीत हासिल कर सभी को चौंका दिया था। यह क्षेत्र सांप्रदायिक हिसाब से भी बहुत महत्वपूर्ण है। इसी साल रामनवमी के वक्त यहां सांप्रदायिक दंगे हुए थे। आसनसोल-दुर्गापुर में हिंदी भाषी के लोगों की संख्या ज्यादा हैं और ज्यादातर झारखंड और बिहार से ताल्लुक रखते हैं। टीएमसी की योजना है कि इस प्रांत में हिंदू वोटरों को अपनी ओर आकर्षित करने के लिए छठ से पहले-पहले सूर्य मंदिरों को निर्माण करेगी।
बीजेपी के बढ़ते प्रभाव से टीएमसी में खलबली
पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के तुरंत बाद बीजेपी का सबसे ज्यादा फोकस पश्चिम बंगाल पर रहेगा। लोकसभा से चुनाव से पहले बीजेपी पश्चिम बंगाल में तीन बहुत बड़ी रथ यात्रा भी निकालने जा रही हैं, जिससे जबरदस्त ढंग से वोटों का ध्रुविकरण देखने को मिलेगा। बीजेपी का प्लान है कि इस बार लोकसभा चुनाव में पश्चिम बंगाल में कम के कम 22 सीटों पर कब्जा किया जाए। इसके लिए 7 दिसंबर को पहली रथ यात्रा शुरू होगी।