कोलकाता। पश्चिम बंगाल में दशकों तक राज करने वाली सीपीआई (एम) ने ममता बनर्जी पर राज्य में लोकतंत्र और संवैधानिक संस्थाओं को खत्म करने का आरोप लगाया है। सीपीआई (एम) ने कहा कि ममता बनर्जी सिर्फ केंद्र की बीजेपी सरकार के खिलाफ लड़ने के लिए डींगे हांक रही हैं। सीपीआई (एम) के स्टेट सेक्रेटरी और पोलिटब्यरो के मेंबर सूर्या कांता मिश्रा ने तंज कसते हुए कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और बीजेपी दोनों एक ही सिक्के के दो पहलू की तरह है और दोनों ही पार्टियों में अलोकतांत्रिक लक्षण है।
मिश्रा ने कहा, 'टीएमसी को देश में लोकतंत्र को बहाल करने के बारे में बात नहीं करनी चाहिए। उन्होंने (टीएमसी) खुद राज्य में लोकतंत्र को नष्ट कर दिया है और 2011 में सत्ता में आने के बाद से राज्य में हर संस्थान को विकृत कर दिया है।' मिश्रा ने कहा कि जिस तरह से उन्होंने पिछले पंचायती चुनाव कराये थे, वह लोकतंत्र के लिए एक धब्बा था। ममता बनर्जी की पार्टी पर जमकर हमला बोलते हुए मिश्रा ने कहा कि टीएमसी वह पार्टी है जिसे न तो लोकतंत्र का सम्मान करना आता है और न ही संवैधानिक मूल्यों का।
कोलकाता में हुई महागठबंधन रैली में ममता के बुलावे पर विपक्ष के कई बड़े नेता एक साथ एक मंच पर दिखाई दिए थे। इस दौरान ममता बनर्जी ने कहा, 'दिल्ली में सरकार बदल दो। मोदी सरकार की डेट 'एक्सपायर' हो चुकी है।' ममता बनर्जी ने कहा कि 2019 में एकजुट दिख रहा विपक्ष ही जीतेगा।
कोलकाता की 'युनाइटेड इंडिया' रैली में देशभर के 22 विपक्षी पार्टियों के नेताओं को एक साथ देखा। उस दौरान सभी नेताओं ने बीजेपी और पीएम मोदी पर जमकर हमला बोला। इस रैली में वामपंथी पार्टी सीपीआई (एम) को भी बुलावा मिला था, लेकिन उन्होंने इसका बहिष्कार कर दिया।