पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून लागू करने के लिए मेरी लाश से गुजरना होगा: ममता
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है कि वो किसी भी कीमत पर राज्य में नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को लागू नहीं करेंगी। सोमवार को बनर्जी ने नागरिकता कानून और एनआरसी को लेकर कोलकाता में रैली का आयोजन किया। ममता बनर्जी ने रैली में कहा कि केंद्र चाहे तो टीएमसी सरकार को बर्खास्त कर दे लेकिन पश्चिम बंगाल में सीएए और एनआरसी को लागू नहीं होने दूंगी। केंद्र को पश्चिम बंगाल में नागरिकता कानून और एनआरसी लागू करने के लिए मेरी लाश के ऊपर से गुजरना होगा।
ममता बनर्जी ने कहा कि जब तक नागरिकता संशोधन कानून और एनआरसी को वापस नहीं लिया जाता है, तब तक हम अपना विरोध जारी रखेंगे। भाजपा चाहती है कि केवल वह रहें और कोई ना हो। भाजपा बांटो और राज करो की नीति अपना रही है। देश को बचाने के लिए इनको भगाना जरूरी है।
तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि इस मुद्दे पर मैं एक समय के लिए अकेली थी। लेकिन आज दिल्ली के सीएम और बिहार के सीएम ने भी कहा है कि वह एनआरसी की अनुमति नहीं देंगे। मध्य प्रदेश के सीएम, पंजाब, छत्तीसगढ़, केरल के सीएम ने भी कानून को लागू ना करने की बात कही है।
नागरिकता संशोधन कानून का देश के कई हिस्सों में भारी विरोध हो रहा है। असम, त्रिपुरा और मेघालय में तो प्रदर्शन हो ही रहे हैं। पश्चिम बंगाल में कानून का काफी विरोध हो रहा है। देश की कई बड़े विश्वविद्यालयों के छात्र की लगातार कानून के खिलाफ विरोध दर्ज करा रहे हैं। दिल्ली के जामिया मिलिया में बीते कई दिनों से छात्र प्रदर्शन कर रहे हैं। सोमवार को भी छात्रों ने प्रदर्शन किया है।
नागरिकता संशोधन एक्ट, 2019 बीते हफ्ते सदन से पास हुआ है। इस कानून में पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, जैन, सिख, बौद्ध, पारसी और ईसाई समुदाय के शरणार्थियों को नागरिकता का प्रस्ताव है। कांग्रेस समेत ज्यादातर विपक्षी दल और कई संगठन भी इस बिल का विरोध कर रहे हैं।
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