मालविंदर सिंह और शिविंदर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका, अवमानना मामले में पाया दोषी
नई दिल्ली। रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में पैसों की हेराफेरी के आरोपों का सामना कर रहे फार्मा कंपनी रैनबैक्सी के पूर्व प्रमोटर मालविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर सिंह को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है। अवमानना मामले में देश की उच्चतम न्यायालय ने दोनों भाईयों को दोषी करार दिया है। कोर्ट के मुताबिक सिंह भाईयों ने फोर्टिस हेल्थ केयर लिमिटेड में अपने शेयर नहीं बेचने के उच्चतम न्यायालय के आदेशों का उल्लंघन किया है। बता दें, इससे पहले भी दिल्ली के साकेत कोर्ट ने फोर्टिस के पूर्व प्रवर्तकों मालविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर सिंह को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा था।
गौरतबल है कि, गुरुवार की शाम मालविंदर सिंह और रेलिगेयर इंटरप्राइजेज के पूर्व सीएमडी सुनील गोधवानी को प्रवर्तन निदेशालय ने रेलिगेयर फिनवेस्ट लिमिटेड (आरएफएल) में धन की हेरीफेरी मामले में गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने मालविंदर सिंह और उनके भाई शिविंदर सिंह को दोषी करार दिया है हालांकि सजा का ऐलान अभी नहीं किया गया है। बता दें, सिंह बंधुओं पर धोखाधड़ी और ठगी का आरोप है। आर्थिक अपराध शाखा ने शिविंदर को दिल्ली से और मालविंदर को पंजाब से गिरफ्तार किया था।
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इस
मामले
में
ED
ने
किया
गिरफ्तार
बता
दें
कि,
रेलिगेयर
इंटरप्राइजेज
लिमिटेड
के
पूर्व
सीएमडी
सुनील
गोधवानी
और
मालविंदर
सिंह
पर
पैसों
की
हेराफेरी
का
आरोप
है।
इसी
वर्ष
मार्च
में
शिविंदर,
सुनील
गोधवानी
और
अन्य
के
खिलाफ
आरएफएल
के
मनप्रीत
सिंह
सूरी
ने
शिकायत
दर्ज
कराई
थी
जिसके
बाद
सभी
आरोपियों
से
पूछताछ
की
गई।
इनपर
आरोप
लगाया
गया
कि,
कंपनी
का
प्रबंधन
करते
समय
पैसा
कर्ज
लिया
और
दूसरी
कंपनी
में
लगा
दिया।
पुलिस
के
मुताबिक
मनप्रीत
सिंह
सूरी
ने
बताया
था
कि
चारों
का
आरईएल
की
उसकी
सहायक
कंपनियों
पर
पूरा
नियंत्रण
था
जिसका
इन्होंने
गलत
फायदा
उठाया।