तबरेज की हत्या के विरोध में मालेगांव में जुटे एक लाख मुस्लिम, एंटी मॉब लिंचिंग कानून लाने की मांग
मुंबई। झारखंड में एक मुस्लिम युवक तबरेज अंसारी को चोरी के शक में भीड़ ने बिजली के पोल से बांधकर इस कदर पीटा था कि उसकी अस्पताल में इलाज के दौरान मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देशभर में एक बार फिर मॉब लिंचिंग के खिलाफ आवाजें उठने लगी हैं। महाराष्ट्र के मालेगांव में भी मॉब लिंचिंग की इस घटना के विरोध में बड़ी संख्या में मुस्लिम समुदाय के लोग इकट्ठा हुए। सोमवार को 'शहीदों की यादगार' (शहीद स्मारक) पर एक लाख से अधिक मुस्लिम मॉब लिंचिंग की इस घटना के विरोध में जमा हुए।
तबरेज की हत्या के विरोध में एक लाख मुस्लिमों ने किया प्रदर्शन
ये वही ऐतिहासिक जगह है जहां अंग्रेजों ने 97 साल पहले 7 स्वतंत्रता सेनानियों को फांसी पर लटका दिया था। इसी जगह पर करीब एक लाख से अधिक मुस्लिम जमा हुए थे। मॉब लिंचिंग के विरोध में होने वाली इस रैली को मुस्लिम समुदाय ने पहली रैली बताया। इस रैली के आयोजकों का कहना है कि झारखंड में हुई तबरेज अंसारी की हत्या काफी भयावह है।
ये भी पढ़ें: आगे की पंक्ति में बैठी थीं महिलाएं, भड़के स्वामी जी बिना स्पीच दिए लौट गए
एंटी मॉब लिंंचिंग कानून लाने की मांग
इस रैली में आए लोगों ने कहा कि वे बदला नहीं चाहते हैं और ना ही किसी प्रकार की हिंसा में यकीन करते हैं। लोगों ने कहा कि वे कानून में विश्वास रखते हैं। उन्होंने मॉब लिंचिंग के खिलाफ सख्त कानून लाने की मांग की। बता दें कि तबरेज को भीड़ ने तब निशाना बनाया था जब वह जमशेदपुर से अपने गांव वापस लौट रहा था।
भीड़ ने चोरी के शक में तबरेज की पिटाई की थी
उसी वक्त तबरेज को घातकीडीह गांव के पास भीड़ ने चोरी के शक में पकड़ लिया। चोरी का आरोप लगाते हुए भीड़ ने तबरेज अंसारी को पोल से बांध दिया और बुरी तरह पीटना शुरू कर दिया। पुलिस को सौंपे जाने से पहले करीब 18 घंटे तक लाठी-डंडे से उसे पीटा गया। आरोप है कि इस दौरान तबरेज को भीड़ ने 'जय श्री राम' और 'जय हनुमान' के नारे लगाने को कहा और ऐसा न करने पर उसकी जमकर पिटाई की। बाद में अंसारी को चोरी के आरोप में पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था, वहीं घटना के चार दिन बाद परवेज अंसारी की अस्पताल में मौत हो गई थी। इस मामले में दो पुलिसवालों को सस्पेंड कर दिया गया था।