मालेगांव ब्लास्ट: प्रसाद पुरोहित की याचिका पर पीड़ित के पिता की हस्तक्षेप अर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट की अनुमति
मालेगांव ब्लास्ट: प्रसाद पुरोहित की याचिका में हस्तक्षेप अर्जी को बॉम्बे हाईकोर्ट की अनुमति
नई दिल्ली। बॉम्बे हाईकोर्ट ने 2008 के मालेगांव बम धमाको में मारे गए अजहर के पिता सैयद अहमद निसार की हस्तक्षेप याचिका को मंजूरी दे दी है। धमाकों के इस मामले में यूएपीए के तहत आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत पुरोहित ने अपने खिलाफ आरोपों को रद्द करने का आग्रह अदालत से किया है। प्रसाद पुरोहित की ओर से दायर इस याचिका में हस्तक्षेप करने की अनुमति अहमद निसार ने कोर्ट से मांगी थी, जिसे कोर्ट ने मान लिया है।
न्यायमूर्ति एस एस शिंदे और न्यायमूर्ति एम एस कार्णिक की पीठ ने बुधवार को सैयद अहमद निसार के वकील बीए देसाई और पुरोहित के वकील नीला गोखले की जिरह सुनने के बाद हस्तक्षेप याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया था। अहमद निसार के वकील देसाई के जरिए याचिका में कहा था कि कहा कि विस्फोट में उन्होंने अपना बेटा खो दिया और इसलिए वह मामले में एक पक्ष हैं, जिसे सुना जाने का अधिकार है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को एक मस्जिद के निकट मोटरसाइिकल पर रखे बम में विस्फोट होने से छह लोगों की मौत हो गई थी और 100 अन्य लोग जख्मी हो गए थे। सैयद अमहद निसार ने भी अपने बेटे अजहर को इस धमाके में खो दियाथा।
कर्नल प्रसाद पुरोहित ने अपने खिलाफ आरोपों को रद्द करने की मांग अदालत से की है। इसको लेकर पुरोहित ने इस साल सितंबर में उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की है, जिसमें सभी आरोपों को रद्द करने की मांग की गई है। उसने अदालत में कहा है कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी सीआरपीसी की धारा 197 के तहत उन पर अभियोजन चलाने के लिए पूर्व में मंजूरी लेने में विफल रही है, ऐसे में उसे आरोपमुक्त किया जाए।