4 महीने के अंतराल के बाद भारत में फिर से शुरू हुई मलेशियाई पाम ऑयल की खरीदारी
मुम्बई। भारतीय खरीदारों ने चार महीने के अंतराल के बाद मलेशियाई पाम तेल की खरीद फिर से शुरू कर दी है। व्यापारिक सूत्रों के मुताबिक भारतीय खरीदारों ने कूटनीतिक कारणों, घरेलू इन्वेंटरीज में गिरावट और कीमतों में रियायत के चलते मलेशिया से पाम ऑयल खरीद में दिलचस्पी दिखाई है।
दरअसल, कुआलालंपुर में एक नई सरकार के गठन के बाद दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों में सुधार के बीच नए सिरे से शुरू हुई खरीदारी के साथ मलेशिया ने पिछले सप्ताह रिकॉर्ड 100,000 टन भारतीय चावल खरीदने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं।
भारत और मलेशिया के बीच क्यों अहम बना पाम ऑयल
सूत्रों ने कहा कि इंडोनेशिया के बाद दुनिया में दूसरे नंबर का पाम ऑयल उत्पादक मलेशिया में पिछले हफ्ते भारतीय आयातकों ने 200,000 टन कच्चे पाम ऑयल (सीपीओ) का आयात किया है, जो जून और जुलाई में भारत में भेजा जाना है।
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सिंगापुर में मलेशियाई और इंडोनेशियाई पाम ऑयल का कारोबारी ने बताया कि कम आयात के कारण भारत में पोर्ट स्टॉक तेजी से नीचे गिरा है। रिफाइनिटिव द्वारा संकलित शिप-ट्रैकिंग डेटा से पता चला है कि 2020 के पहले चार महीनों के लिए भारत की कुल पाम ऑयल का आयात 50 फीसदी से अधिक गिरा है जबकि इसी अवधि में 2019 भारत में कुल 11.1 लाख टन पाम ऑयल आयात किया था।
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