भारत में निवेश करने में मलयाली-गुजराती एनआरआई सबसे आगे
नई दिल्ली(विवेक शुक्ला) अब एनआरआई यानी देश से बाहर कामकाज के लिए गए हिन्दुस्तानी अपने वतन में मोटा पैसा इनवेस्ट कर रहे हैं। कारण ये है कि भारत में ब्याज दरें बेहतर हैं। एनआरआई बिरादरी ने जुलाई-सितंबर, 2014 के 12 हजार करोड़ रुपये से कुछ ज्यादा पैसा भारत के बैकों में निवेश किया।
सबसे आगे मलयाली
वित्त मंत्रालय के बैकिंग डिविजन की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, सबसे ज्यादा निवेश अपने देश में कर रहे हैं मलयाली। ये ज्यादातर रहते हैं खाड़ी के देशों में। खाड़ी के देशों में अब बहुत बिजनेस भी करने लगे मलयाली। हालांकि ये समाज एक दौर में नौकरीपेशा ही होता था। इनके बाद नंबर आता है गुजरातियों का। गुजराती तो सारी दुनिया में बिजनेस कर रहे हैं।
खाड़ी में मलयाली
जानकारों ने बताया कि जहां मलयाली खाड़ी देशों में नौकरी करते हैं मुख्य रूप से, गुजराती बिजनेस कर रहे हैं देश के बाहर भी। पंजाब नेशनल बैंक के डिप्टी जनरल मैनेजर बिमल जैन ने कहा कि एनआराई भारत में निवेश इसलिए भी करने लगे हैं क्योंकि अपने देश के बैंकों में उनका पैसा सेफ रहता है। इसके अलावा अब सभी प्रमुख भारतीय बैंकों की दुनिया के सभी प्रमुख शहरों में शाखाएं हैं। इसलिए ये उनमें चले जाते हैं निवेश करने के लिए।