मलप्पुरम नाव हादसा दिला गया मोरबी की याद, पानी में डूबकर आई मौत... पढ़ें ऐसे 5 बड़े केस
Malappuram Boat Accident: केरल के मलप्पुरम जिले में टूरिस्ट बोट पलटने से 22 लोगों की मौत हुई है। इस घटना ने मोरबी में हुए हादसे समेत उन तमाम दुर्घटनाओं के जख्मों को हरा किया, जो असमय पानी में डूबने से हुई।
Malappuram Boat Accident: केरल के मलप्पुरम जिले में टूरिस्ट बोट पलटने से पलक झपकते ही 22 लोग काल के गाल में समा गए। बोट में 30 से ज्यादा लोग सवार थे। मरने वालों में बच्चे और महिलाएं भी शामिल रहे। यह कोई पहला मामला नहीं है, जब पानी में डूबकर मौत हुई हो।
इस हादसे ने पिछले साल गुजरात के मोरबी में पानी में डूबने से गई 135 लोगों की मौत की घटना की याद दिला दी। मलप्पुरम में पलटी नाव के हादसे ने उन सभी हादसों के सूख चुके जख्मों को फिर से हरा कर दिया, जिनकी मौत पानी में डूबने से हुई थी। आइए आपको रूबरू कराते हैं...
साल 2022 में मोरबी में 135 लोगों की मौत
बात 30 अक्टूबर 2022 की है। जब गुजरात के मोरबी जिले में ब्रिटिश कालीन पुल ढह गया था। हादसे में 300 से ज्यादा लोग मच्छु नदी में गिर गए। घटना में करीब 135 लोगों की मौत पानी में डूबने से हो गई। बीते 5 सालों में सबसे बड़ा हादसा था, जब इतनी बड़ी संख्या में लोगों की मौत हुई। इससे केंद्र से लेकर राज्य सरकार सभी को हिला दिया था। इसी साल 2022 में पटना में गंगा नदी में एक नाव पटलने से 55 लोग पानी में गिर गए थे। जिसमें 10 लोग लापता हो गए।
साल 2020 में मुंबई में पलटी नाव
मुंबई स्थित गेटवे ऑफ इंडिया के पास 45 लोगों से भरी नाव पलट गई थी। गनीमत रही कि तट के पास स्थित मछुआरों ने सभी को बचा लिया था। दरअसल, सभी लोग नाव में पार्टी मना रहे थे।
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साल 2019 में आंध्र प्रदेश में 12 की मौत
बात 2019 की है। जब आंध्र प्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले में एक टूरिस्ट बोट पलट गई थी। इस हादसे में 12 लोगों की मौत हो गई थी। नाव में कुल 61 यात्री सवार थे। हालांकि, गोताखोरों की मदद से पुलिस ने 23 लोगों को बचा भी लिया था। मृतकों के परिजनों को तत्कालीन जगनमोहन रेड्डी की सरकार ने 10-10 लाख रुपए की राहत राशि देने का ऐलान किया था।
इसी साल 2 जनवरी 2019 को ओडिशा के केंद्रपाड़ा जिले में महानदी और बंगाल की खाड़ी के संगम स्थल पर मछली पकड़ने वाली नाव पलट गई थी। इस नाव में करीब 30 लोग सवार थे। घटना में 9 लोगों की मौत हुई थी।
साल 2017 में विजयवाड़ा में 19 की गई जान
वहीं, साल 2017 में आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक दर्दनाक हादसा हुआ था। यहां कृष्णा नदी में नाव पलटने से 19 लोगों की मौत हो गई थी। नाव में 38 लोग सवार थे। नाव पलटते ही सभी कृष्णा नदी में गिर गए और डूबने लगे।
क्या कहती है एनसीआरबी रिपोर्ट ?
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा प्रकाशित एक्सीडेंटल डेथ्स एंड सुसाइड इन इंडिया (एडीएसआई) की साल 2018 और 2017 की रिपोर्ट पर नजर डालें तो पता चलता है कि भारत में हर दिन तालाबों, झीलों और नदियों में डूबने से 20 से ज्यादा मौतें होती है। साल 2018 में डूबने की 29,696 घटनाएं हुईं, जिसके परिणामस्वरूप 30,187 लोगों की मौत हुई। इनमें से 258 मौतें नावों के पलटने के मामले शामिल हैं। वहीं, 2017 में भारत में लगभग 62,000 डूबने से हुई मौतें थीं।