मेक इन इंडिया की ऊंची उड़ान, हर महीने 50 लाख यूनिट पीपीई किट निर्यात में सक्षम हुआ भारत
नई दिल्ली। कभी महामारी संकट के बीच पीपीई किट आयात करने को मजूबर रहा भारत अब हर महीने 50 लाख यूनिट पीपीई किट निर्यात करने में सक्षम हो गया है, जो बतलाता है कि मेक इन इंडिया मुहिम कैसे रंग ला रही है, जिसे देश के आत्मनिर्भर भारत की ओर उन्मुखता में एक आशावादी सफलता की तरह देखा जा सकता है।
याद कीजिए, वह दिन जब कोरोना वायरस के प्रकोप के बीच सरकार के पास पर्याप्त किट नहीं थीं, जिससे संक्रमित की टेस्टिंग की जा सके। मरीजो के इलाज और देखभाल में जुटे कोरोना वॉरियर्स के लिए पीपीई किट की भारी कमी थी, जिसकी मदद से हेल्थ वर्कर्स मरीजों के देखभाल करते हुए खुद का बचाव कर सके। आंकड़े दर्शाते हैं कि देखभाल की करते हुए देश में कितनी संख्या में हेल्थ वर्कर्स संक्रमण के शिकार हुए और उन्हें क्वॉरेंटीन होना पड़ा।
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गौरतलब है इन्हीं परिस्थितियो के मद्देनजर भारत सरकार ने पीपीई किट और मास्क की किल्लतों से निपटने के लिए आत्मनिर्भर मुहिम की शुरूआत की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान के बाद पूरे देश में कई कंपनियों ने पीपीई किट का घरेलू निर्माण में लग गए और जो परिणाम सामने आ रहे हैं, वह गर्व से हर भारतीय का सिर ऊंचा करने लायक हैं।
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रिपोर्ट के मुताबिक अब भारत में इतने पीपीई किट बन रहे हैं कि हम निर्यात तक करने में सक्षम हो गए हैं। भारत में निर्मित अच्छी क्वालिटी की पीपीई किट दूसरे देशों में भी निर्यात किए जा रहे हैं। हालांकि इससे पहले भारत की अपनी जरूरत को देखते हुए सरकार ने पीपीई किट निर्यात करने पर प्रतिबंध लगाया हुआ था, लेकिन उत्पादन में लगातार हुई वृद्धि और पीपीई किट में सक्षमता बढ़ते के बाद सरकार ने हर महीने 50 लाख पीपीई किट के निर्यात की मंजूरी दे दी है। इसे लेकर सरकार ने बाकायदा एक नोटिफिकेशन जारी किया है।
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रेल एवं वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने इस बारे में ट्वीट करते हुए सरकार का नोटिफिकेशन शेयर किया है। उन्होंने लिखा है कि मेक इन इंडिया के तहत निर्यात को बढ़ावा देते हुए कोरोना से बचाव की पीपीई किट के 50 लाख यूनिट हर महीने निर्यात करने को मंजूरी दे दी गई है। कहने का मतलब यह है कि मोदी सरकार ने मेक इन इंडिया और आत्म निर्भर बनने की छेड़ी गई मुहिम रंग ला रही है। यह चीन जैसे देशों के लिए भारत का यथोचित जवाब होगा।