Makar Sankranti 2023: वाराणसी से हरिद्वार तक, मकर संक्रांति पर श्रद्धालुओं ने गंगा में लगाई पावन डुबकी
मकर संक्रांति नए साल की शुरुआत में आने वाला सबसे पहला पर्व है। जिसमें भक्त पवित्र नदी में स्नान करके देवता सूर्य को प्रसाद चढ़ाते हैं। यह दिन मकर राशि में सूर्य के पारगमन के पहले दिन को चिह्नित करता है।
Makar Sankranti 2023: देश भर में आज मकर संक्रांति मनाई जा रही है। हालांकि कई जगहों पर मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। मकर संक्रांति के अवसर पर शनिवार को उत्तर प्रदेश के वाराणसी, प्रयागराज से लेकर उत्तराखंड के हरिद्वार तक श्रद्धालुओं ने गंगा में पावन डुबकी लगाई। मकर संक्रांति के अवसर पर र श्रद्धालुओं की पवित्र डुबकी लगाने के लिए देशभर के पवित्र नदियों के घाटों पर भीड़ देखी गई। श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगाई और भगवान सूर्य की पूजा अर्चना की।
मध्य प्रदेश के मकर संक्रांति के अवसर पर शिप्रा नदी में श्रद्धालुओं ने पावन डुबकी लगाई। वहीं हरिद्वार में गंगा नदी में, प्रयागराज संगम में हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई।
पश्चिम बंगाल में मकर संक्रांति के अवसर पर श्रद्धालुओं ने दक्षिण 24 परगना के गंगासागर में स्नान किया था। वहीं पंजाब में मकर संक्रांति के मौके पर श्रद्धालुओं ने अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में अरदास की और स्नान किया।
कुंभ के बाद सबसे बड़े मेले में गंगासागर में पवित्र डुबकी लगाने के लिए नागा साधुओं सहित लाखों से अधिक तीर्थयात्री कोलकाता के गंगासागर ट्रांजिट कैंप में बाबूघाट पहुंचे, जिसकी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं। पारगमन शिविर में कई नागा साधुओं ने अपनी और ध्यान खींचा। उन्होंने गंगासागर में पवित्र डुबकी लगाने के लिए हजारों किलोमीटर की यात्रा की।
मध्य प्रदेश के एक नागा साधु ने शुक्रवार को न्यूज एजेंसी एएनआई को बताया, "कल हम गंगासागर जाएंगे और नदी में डुबकी लगाएंगे। मैं 25 दिसंबर से यहां रह रहा हूं और स्नान करने के बाद उज्जैन लौटूंगा।" इसके अलावा नागा साधु उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और जम्मू से गंगासागर मेले के लिए पश्चिम बंगाल में आ रहे हैं।
जम्मू के नागा साधु शिव कैलाश पुरी ने कहा, "मैं यहां 10 साल से आ रहा हूं और कल गंगासागर में स्नान करने जाऊंगा।" एक अन्य नागा साधु, जो 2003 से मेले में आ रहे हैं, उन्होंने कहा, ''सभी तीर्थों में गंगासागर भारत में 'सनातन धर्म' का सबसे बड़ा तीर्थ है।
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