8 सालों के 7 बड़े नक्सली हमले जिनमें बड़ी संख्या में शहीद हुए जवान
नई दिल्ली। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले में नक्सलियों ने मंगलवार को एक आईईडी ब्लास्ट किया। इस हमले में CRPF के 9 जवान शहीद हो गए। यह इस महीने नक्सलियों द्वारा किया गया दूसरा हमला है। इससे पहले 7 मार्च को एक मुठभेड़ में एक सैनिक शहीद हो गया था। छत्तीसगढ़ के सुकमा, नारायणपुर, बस्तर, दंतेवाड़ा, बीजापुर और कांकेर जिलों की गिनती देश के घोर नक्सल प्रभावित जिलों में होती है और यह पहली बार नहीं है जब छत्तीसगढ़ में माओवादी हमले में इतना नुकसान हुआ है। आइए एक नजर में देखते हैं पिछले कुछ सालों के बड़े नक्सली हमले...
2018 और 2017 के बड़े आतंकी हमले
13
मार्च
2018
सुकमा
जिले
में
नक्सवादियों
ने
बारूदी
सुरंग
में
विस्फोट
कर
एंटी
लैंडमाइन
व्हीकल
को
उड़ा
दिया
है।
इस
घटना
में
केंद्रीय
रिजर्व
पुलिस
बल
के
9
जवान
शहीद
हो
गए।
सीआपीएफ
के
212
वीं
बटालियन
के
जवान
एंटी
लैंडमाइन
व्हीकल
में
सवार
होकर
रवाना
हुए
थे।
जब
वह
किस्टाराम
थाना
क्षेत्र
में
थे
तब
नक्सलियों
ने
एक
शक्तिशाली
विस्फोट
में
वाहन
को
उड़ा
दिया।
24 अप्रैल, 2017
सुकमा में नक्सलियों द्वारा घात लगाकर किए गए हमले में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) के 25 जवान शहीद हो गए थे। हमले में छह जवान घायल भी हुए थे। ये जवान सीआरपीएफ की 74वीं बटालियन के थे। सड़क निर्माण की सुरक्षा में लगे ये जवान खाना खाने की तैयारी कर रहे थे। उसी दौरान घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर गोलीबारी शुरू कर दी। जिससे लगभग दो दर्जन जवान मारे गए।
लोकसभा चुनाव के दौरान हुआ था नक्सली हमला
11
मार्च
2017
सुकमा
के
दुर्गम
भेज्जी
इलाके
में
नक्सली
हमले
में
11
सीआरपीएफ
जवान
शहीद
हो
गए
थे।
यहां
सड़क
निर्माण
की
सुरक्षा
में
लगे
जवानों
को
निशाना
बनाते
हुए
नक्सलियों
ने
पहले
आईईडी
ब्लास्ट
किया
था।
इस
हमले
में
9
जवानों
की
मौत
मौके
पर
ही
हो
गई
थी,
जबकि
दो
जवानों
की
इलाज
के
दौरान
मौत
हो
गई
थी।
हमले
के
बाद
नक्सलियों
ने
जवानों
के
हथियार,
रेडियो
सेट
और
अन्य
सामान
लूट
लिये
थे।
12
अप्रैल
2014
लोकसभा
चुनाव
के
दौरान
बीजापुर
और
दरभा
घाटी
में
आईईडी
ब्लास्ट
में
पांच
जवानों
समेत
14
लोगों
की
मौत
हो
गई
थी।
मरने
वालों
में
सात
मतदान
कर्मी
भी
शामिल
थे।
यह
पहली
बार
था
जब
नक्सलियों
ने
एक
एंबुलेंस
को
अपना
निशाना
बनाया
था।
इस
एंबुलेंस
में
सीआरपीएफ
के
पांच
जवानों
समेत
एंबुलेंस
चालक
और
कंपाउंडर
की
भी
मौत
हो
गई
थी।
हमले में 15 जवान शहीद हुए थे
11
मार्च
2014
इस
हमले
में
15
जवान
शहीद
हुए
थे
और
एक
ग्रामीण
की
भी
इसमें
मौत
हो
गई
थी।
इस
हमले
के
बाद
नक्सलियों
एक
शहीद
जवान
के
शव
में
आईईडी
फिट
करके
छोड़
दिया
था,
ताकि
जवान
जब
शव
उठाने
आएं
तो
ब्लास्ट
हो
जाए।
हालांकि
जवानों
की
सतर्कता
के
चलते
एक
और
बड़ा
हमला
टल
गया
था।
नक्सली हमले में 30 से ज्यादा कांग्रेसी मारे गए थे
25 मई 2013
सुकमा जिले में एक हजार से ज्यादा नक्सलियों ने कांग्रेस के परिवर्तन यात्रा पर हमला किया था। इस हमले में बस्तर टाइगर महेंद्र कर्मा, तात्कालीन पीसीसी चीफ नंद कुमार पटेल, पूर्व केंद्रीय मंत्री विद्या चरण शुक्ल समेत 30 से ज्यादा कांग्रेसी मारे गए थे। इस हमले में नक्सलियों के मुख्य टार्गेट महेंद्र कर्मा थे, कर्मा नक्सलियों के सफाए के लिए शुरू हुए सलवा जुडुम अभियान के नेता थे और वह लम्बे समय से नक्सलियों की हिट लिस्ट में भी शामिल थे।
देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला
6 अप्रैल 2010
दंतेवाड़ा जिले के चिंतलनार जंगल में इसी दिन पैरामिलिट्री फोर्स पर देश का सबसे बड़ा नक्सली हमला हुआ था। इस हमले में सीआरपीएफ के 76 जवान शहीद हो गए थे। इस दिन सीआरपीएफ के करीब 120 जवान सर्चिंग अभियान के लिए निकले थे, सर्चिंग से वापस लौटने के दौरान 1000 नक्सलियों ने घात लगाकर जवानों पर फायरिंग शुरू कर दी। जिसमें 76 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले में 8 नक्सली भी मारे गए थे।
छत्तीसगढ़: सुकमा में नक्सलियों के IED ब्लास्ट में CRPF के 9 जवान शहीद