मेजर गोगोई का कोर्ट मार्शल, वरिष्ठता को भी घटाया जा सकता है
नई दिल्ली। मेजर लितुल गोगोई जिन्होंने सेना की गाड़ी के बोनट पर एक व्यक्ति को बांध दिया था और गुस्सायी भीड़ से बाहर निकलने के लिए इसे एक जरिया बनाया था। अपने इस एक्शन से मेजर गोगोई मीडिया की सुर्खियों में आ गए थे। जिसके बाद वह श्रीनगर के होटल में मई 2018 में एक युवती के साथ पाए गए थे, इस मामले में मेजर गोगोई को दोषी करार दिया गया। सूत्रों के अनुसार गोगोई के कोर्टमार्शल की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है और उनकी वरिष्ठता को भी घटा दिया गया है।
यही नहीं अपनी यूनिट से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित रहने की वजह से मेजर गोगोई के वाहन चालक समीर मल्ला का भी कोर्ट मार्शल किया या। मल्ला को वर्ष 2017 में क्षेत्रीय सेना में शामिल किया गया था। उन्हें आतंक निरोधी अभियान से जुड़ी राष्ट्रीय राइफल्स के साथ सेक्टर 53 में तैनात किया था। सेना के अधिकारियों ने बताया कि फरवरी माह में मेजर गोगोई और उनके ड्राइवर के खिलाफ कोर्ट मार्शल की प्रक्रिया को पूरा कर लिया गया था। दोनों को दोषी पाया गया था।
सूत्रों की मानें तो मेजर गोगोई को दो आरोपों के तहत दोषी माना गया है- पहला कि वह एक ऑपरेशनल एरिया में एक्टिव सर्विस में होने के बाद भी वह अपने ड्यूटी प्लेस से दूर थे। दूसरा है कि उन्होंने एक स्थानीय महिला के साथ दोस्ती करके सेना की नीति का उल्लंघन किया है। उल्लेखनीय है कि 23 मई को मेजर गोगोई को एक स्थानीय महिला और एक शख्स समीर अहमद के साथ पुलिस ने हिरासत में लिया था। समीर अहमद भी सेना में हैं। इन तीनों से श्रीनगर के एक पुलिस स्टेशन में पूछताछ की गई थी। मेजर गोगोई को उस समय हिरासत में लिया गया था जब श्रीनगर के होटल ग्रैंड मामता ने एक महिला को अंदर लाने से मना कर दिया था।
गौरतलब है कि मेजर गोगोई उस समय सुर्खियों में आए थे जब पिछले वर्ष बडगाम में लोकसभा के उपचुनावों के लिए वोट डाले जा रहे थे। इस दौरान स्थानीय लोगों की भारी भीड़ ने सुरक्षाबलों को घेर लिया। तब मेजर गोगोई का एक वीडियो सामने आया। इस वीडियो में एक स्थानीय युवक सेना की जीप पर बंधा था। इस वीडियो के बाद काफी हंगामा हुआ और फिर सेना ने इस मामले में कोर्ट ऑफ इन्क्वॉयरी के आदेश दिया था। 53 राष्ट्रीय राइफल्स के मेजर गोगोई को सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत की ओर से सम्मानित भी किया जा चुका है।
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