लद्दाख में भारत-चीन के बीच मेजर जनरल लेवल की बैठक, देपसान्ग प्लेन्स का उठा मुद्दा
नई दिल्ली: भारत-चीन के बीच लद्दाख में चल रहे सीमा विवाद को तीन महीने से ज्यादा का वक्त हो गया है। भारत की तमाम चेतावनियों के बाद भी चीन लद्दाख में अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। लद्दाख के कुछ नए इलाकों में भी चीनी सैनिकों की संख्या में बढ़ोत्तरी हुई है। जिस पर भारतीय सेना नजर बनाए हुए है। तनाव को कम करने के लिए शनिवार को चीन और भारतीय सेना के बीच मेजर जनरल लेवल की बैठक हुई।
न्यूज एजेंसी ANI ने सेना के सूत्रों के हवाले से बताया कि भारत और चीन के बीच शनिवार शाम 7.30 बजे मेजर-जनरल लेवल की बैठक खत्म हुई। इस दौरान दोनों पक्षों ने लद्दाख में डिसएंगेजमेंट पर चर्चा की। बैठक में भारतीय सेना ने देपसान्ग प्लेन्स और अन्य पेट्रोलिंग प्वाइंट्स का भी मुद्दा उठाया, जहां पर चीन भारतीय सेना की पेट्रोलिंग में बाधा डाल रहा है। हालांकि बैठक में क्या निष्कर्ष निकला, इस पर भारतीय सेना की ओर से आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है।
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देपसान्ग
में
चीन
के
17
हजार
जवान
सूत्रों
के
मुताबिक
चीन
ने
दौलत
बेग
ओल्डी
(DOB)
और
देपसान्ग
प्लेन्स
में
17
हजार
के
करीब
जवानों
की
तैनाती
कर
दी
है।
खबर
सामने
आते
ही
भारतीय
सेना
भी
हरकत
में
आई
और
वहां
पर
टी-90
टैंक
रेजीमेंट
को
तैनात
कर
दिया।
ये
तैनाती
काराकोरम
दर्रे
के
पास
पेट्रोलिंग
प्वाइंट
1
से
लेकर
देपसान्ग
प्लेन्स
तक
की
गई
है।
सूत्रों
ने
बताया
कि
चीन
ने
तैनाती
अप्रैल
से
मई
के
बीच
में
की
थी।
इसके
बाद
से
वो
इस
इलाके
में
पीपी-10
से
पीपी-13
तक
भारतीय
सेना
को
निगरानी
से
रोक
रहे
हैं।