पुणे: FASTag का कमाल, कुछ ही घंटों में मिली चोरी हुई महिंद्रा स्कॉर्पियो कार
पुणे। वाहनों के लिए FASTag कितना फायदेमंद है, ये बात अब लोगों को पता चलने लगी है। इसे 15 दिसंबर से देशभर में सभी टोलप्लाजा पर लागू किया गया। इसके आने के बाद से टोल प्लाजा में 25 फीसदी हाइब्रिड लेन बना दी गई हैं, जिससे टोल पर लगने वाली भीड़ थोड़ी कम हुई है। लेकिन अब इसका इस्तेमाल केवल भीड़ कम करने के लिए ही नहीं बल्कि चोरी हुई गाड़ियों को ढूंढने के लिए भी हो रहा है।
जीपीएस और फास्टैग की मदद से मिली कार
फास्टैग के चलते एक शख्स की चोरी हुई महिंद्रा स्कॉर्पियो कार केवल पांच घंटे में ही मिल गई। पुणे पुलिस ने ठाणे पुलिस की सहायता से जीपीएस और फास्टैग की मदद से चोरी हुई कार को बरामद कर लिया। पुणे के रहने वाले बिल्डर राजेंद्र जगताप ने ये कार अगस्त 2019 में खरीदी थी। तभी जगताप के पास सुबह 04.38 और 06.00 बजे फास्टैग से 35 रुपये के दो टोल कटने के मैसेज आए। जब वो अपनी कार देखने गए तो वो गायब थी।
ठाणे पुलिस ने कार को खोज निकाला
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, जगताप तुरंत मलवाडी पुलिस स्टेशन पहुंचे, लेकिन उन्हें कर्वेनगर पुलिस चौकी भेज दिया गया। यहां पुलिस कांस्टेबल गोविंद पंधारे ने जीपीएस और फास्टैग की मदद से कार को ट्रैक किया। उन्हें पता चला कि कार ठाणे में है और उन्होंने मुंब्रा पुलिस स्टेशन में अपने दोस्त को फोन किया और उसकी लोकेशन के बारे में बताया। जिसके बाद ठाणे पुलिस ने कार को खोज निकाला।
FASTag की समयसीमा बढ़ी
जगताप ने अपनी कार में फास्टैग के साथ जीपीएस भी लगवाया हुआ था। पुलिस ने घटना की जानकारी देते हुए बताया कि चोरों को ठाणे पुलिस की सक्रियता देख अंदेशा हो गया था कि कार में जीपीएस लगा है। जिसके बाद उन्होंने जीपीएस के तार काट दिए। लेकिन फिर भी चोर पुलिस को चकमा देने में सफल नहीं हुए। वो कार को एक सोसइटी के नजदीक खड़ा करके फरार हो गए। हालांकि फास्टैग लगनावे की समयसीमा बढ़ाकर 15 जनवरी, 2020 कर दी गई है। ये समयसीमा पहले 15 दिसंबर, 2019 थी।
ममता बनर्जी बोलीं- मंगलोर हिंसा में मरने वाले लोगों के परिवारों को देंगे 5-5 लाख का चेक