Republic Day: शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र, गलवान घाटी में चीनी सैनिकों को सिखाया था सबक
Mahavir Chakra For Col Santosh Babu: पिछले साल मई में चीन ने सिक्किम और लद्दाख सेक्टर में एलएसी पर घुसपैठ की कोशिश की थी। जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया। कुछ दिनों बाद सिक्किम में हालात काबू में आ गए, जबकि लद्दाख में पिछले 9 महीनों से विवाद जारी है। इस बीच जून में गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना की झड़प हुई थी। जिसमें कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू समेत 20 भारतीय जवान शहीद हुए। गलवान घाटी में चीनी सैनिकों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद कर्नल संतोष बाबू को महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है। उनके साथ पांच अन्य सैनिकों को भी मरणोपरान्त सम्मानित किया गया है।
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महावीर चक्र दूसरा बड़ा सैन्य सम्मान
दरअसल हर साल गणतंत्र दिवस (Republic Day 2021) के मौके पर सेना और अर्धसैनिक बलों के वीर जवानों को सम्मानित किया जाता है। सूत्रों के मुताबिक गलवान घाटी में शहीद हुए कर्नल संतोष बाबू को इस साल महावीर चक्र से नवाजा जाएगा। परमवीर चक्र के बाद महावीर चक्र देश का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य सम्मान है। इसके अलावा गलवान में पराक्रम दिखाने वाले अन्य जवानों को भी भारत सरकार सम्मानित करेगी।
क्या हुआ था गलवान में?
मई में घुसपैठ के बाद भारतीय और चीनी सेना के बीच उच्च स्तरीय बैठक हुई। जिसमें चीन ने वादा किया कि वो विवादित इलाके से पीछे हट जाएगा। इस बीच 15-16 जून की रात भारतीय सेना को खबर मिली कि चीन फिर से गलवान घाटी में घुसपैठ की साजिश रच रहा है। जिसके बाद तुरंत 16 बिहार रेजिमेंट के जवानों के साथ कमांडिंग ऑफिसर कर्नल संतोष बाबू खुद वहां पर पहुंचे। कुछ ही देर में चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच हाथापाई शुरू हो गई। जिसमें कर्नल बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए। इस दौरान भारतीय जवानों ने 40 से ज्यादा चीनी सैनिकों को मौत के घाट उतारा, साथ ही वहां से उन्हें खदेड़ दिया। हालांकि आज तक चीन ने अपने मृत जवानों की संख्या का खुलासा नहीं किया है।
पत्नी तेलंगाना में हैं डिप्टी कलेक्टर
कर्नल संतोष बाबू तेलंगाना के रहने वाले थे। उनकी शहादत के बाद तेलंगाना सरकार ने उनकी पत्नी को डिप्टी कलेक्टर बनाने का वादा किया था। इसके बाद जुलाई 2020 में तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव संतोष बाबू के घर पहुंचे और उनकी पत्नी को नियुक्ति पत्र सौंपा। साथ ही राज्य सरकार ने उनके परिवार को पांच करोड़ की सहायता राशि और हैदराबाद में एक आवसीय जमीन दी है। कर्नल बाबू के दो छोटे बच्चे थे, जिसमें बेटी की उम्र 8 साल और बेटे की उम्र महज तीन साल है।
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