रिसर्च: पृथ्वी के दो चक्कर के बराबर पैदल चले बापू, अंडरवेट होने के बावजूद थे एकदम फिट
नई दिल्ली। महात्मा गांधी के 150वें जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (ICMR) ने गांधीवादी सिद्धांतों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इंडियन जर्नल ऑफ मेडिकल रिसर्च (IJMR) का एक संस्करण जारी किया है। इसमें महात्मा गांधी की सेहत से जुड़े कई तथ्य सामने आए हैं। इस संस्सकरण में महात्मा गांधी की चिकित्सा, उनके स्वास्थ्य प्रोफाइल और स्वास्थ्य पर प्रकाशित लेखों के बारे में बताया गया है।
हर दिन 22,500 कदम चलते थे महात्मा गांधी
इस पुस्तक में यह बताया गया है कि गांधी जी की अनुशासित दिनचर्या के चलते उनकी आंखें भी ठीक रही थीं। इसके साथ यह भी बताया गया है कि कैसे महात्मा गांधी ने अपने उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए आधुनिक चिकित्सा से इनकार कर दिया था। महात्मा गांधी अपने साधारण आहार और सक्रिय जीवन शैली के कारण अविश्वसनीय रूप से स्वस्थ थे। इस पुस्तक में बताया गया है कि महात्मा गांधी एक दिन में 18 किमी या फिर 22,500 कदम हर दिन चलते थे, यह क्रम लगातार 40 वर्षों तक चलता रहा। बता दें कि विश्व स्वास्थ्य संगठन स्वस्थ रहने के लिए प्रतिदिन 8,000-10,000 कदम चलने की सलाह देता है।
1913 और 1948 के बीच अपने अभियानों के लिए कुल 79,000 किमी दूरी तय की
पुस्तक में यह भी बताया गया है कि महात्मा गांधी 1913 और 1948 के बीच अपने अभियानों के लिए कुल 79,000 किमी की दूरी तय की। यह दूरी पृथ्वी के दो चक्कर लगाने के बराबर है। आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ बलराम भार्गव ने कहा इस पुस्तक का मुख्य उद्देश्य गांधीवादी दर्शन को देखना और उनके निजी जीवन से सीखना है। उन्होंने एक अनुशासित जीवन व्यतीत किया और एक दिनचर्या का पालन किया जिसमें दैनिक व्यायाम शामिल था। उन्होंने शाकाहारी भोजन को भी बढ़ावा दिया जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा माना जाता है। तंबाकू या शराब से दूर रहे, हमें उनके नक्शेकदम पर चलना चाहिए।
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जब सामान्य से कही ज्यादा दर्ज हुआ था महात्मा गांधी का रक्तचाप
70 साल की उम्र में मोहनदास करमचंद गांधी का वजन 46.7 किलोग्राम था। उनकी लंबाई 5 फीट 5 इंच थी। जिसका मतलब है कि उनके पास 17.1 का बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) था, जो कि कम वजन की श्रेणी में आता है। 19 फरवरी 1940 को दर्ज गांधी का रक्तचाप 220/110 रिकॉर्ड किया गया था जबकि सामान्य तौर पर रक्तचाप 120/80 होना चाहिए। लेकिन गांधी जी ने हर दिन घरेलू उपचार के जरिए इस पर काबू कर लिया। उनका शुगर लेवल नॉमर्ल से काफी कम ही रहता था। जैसे 19 जनवरी 1936 को उनका शुगर लेवल 41, 9 दिसंबर 1937 को 71.4 और 5 अप्रैल 1938 को 115 था। वे चाय-कॉफी को स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मानते थे।
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