मॉब लिंचिंग पर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखने वाले 6 छात्रों का निलंबन लिया गया वापस
नई दिल्ली। महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के 6 एससी और औबीसी कैटेगरी के छात्रों का निलंबन वापस ले लिया गया है। इन सभी छात्रों को मॉब लिंचिंग पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखने के बाद निलंबित कर दिया गया था। साथ ही वह कश्मीर मुद्दे पर बातचीत करने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित कराना चाहते थे।
छात्रों का निलंबन वापस लेने का फैसला रविवार को एक अहम बैठक में लिया गया। इस बैठक में वाइस चांसलर राजनीश शुक्ला, एक्जीक्यूटिव रजिस्ट्रार कादर नवाज खान, पांच वार्डन सहित सभी विभागों के डीन मौजूद रहे। विश्वविद्यालय की तरफ से जारी एक बयान में कहा गया कि, तकनीकी विरोधाभास के चलेत और छात्रों और रिसर्चरों को न्याय देने के लिए 9 अक्टूबर के दिन जारी लेटर में 6 छात्रों को निष्कासन करने वाले फैसले को वापस ले लिया गया है।
बता दे, 9 अक्टूबर को यूनिवर्सिटी ने एक लेटर जारी करते हुए 6 छात्रों को निष्कासित कर दिया था। इस पत्र में कहा गया था कि धरना देने वाले छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए उन्हें यूनिवर्सिटी से निष्कासित किया जाता है। यूनिवर्सिटी ने ये फैसला 2019 विधानसभा चुनाव के लिए लागू 'मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट के उलंघन और न्यायिक प्रकिया में दखल' देने की वजह से लिया है।
कैसे
शुरू
हुआ
मुद्दा
बुधवार
को
वर्धा
विश्वविद्यालय
के
छोत्रों
ने
पीएम
मोदी
को
पत्र
लिखने
के
लिए
एक
बड़े
कार्यक्रम
का
आयोजन
किया।
छात्र
नेता
चंदन
सरोज
के
मुताबिक,
यह
कार्यक्रम
49
विख्यात
व्यक्तियों
के
खिलाफ
देशद्रोह
के
मामले
पर
प्रदर्शन
करने
के
लिए
किया
था।
बता
दें,
इन
सभी
49
व्यक्तियों
ने
पीएम
मोदी
को
खुल
पत्र
लिखकर
मॉब
लिंचिंग
पर
चिंता
जताई
थी।
हालांकि
मामले
को
तूल
पकड़ता
देख
बुधवार
को
हो
पुलिस
ने
राजद्रोह
का
मामला
वापस
ले
लिया
था।
यह भी पढ़ें: पीएम मोदी की रैलियों में प्लास्टिक की बोतल पर प्रतिबंध, मिट्टी के घड़े में मिलेगा पानी
इन
छात्रों
का
हुआ
था
निलंबन
महात्मा
गांधी
अंतरराष्ट्रीय
हिंदी
विश्वविद्यालय
वर्धा
के
6
छात्रों
को
निष्कासित
कर
दिया
गया
था।
इनमें
चंदन
सरोज,
नीरज
कुमार,
राजेश
सारथी
और
रजनीश
अंबेडकर,
पंकज
वेला
सहित
वैभव
पिंपलकर
शामिल
थे।