दिल्ली में तांगा चलाने से लेकर मसालों के बादशाह बनने तक, पढ़ें MDH के मालिक महाशय धर्मपाल की कहानी
दिल्ली में तांगा चलाने से लेकर मसालों के बादशाह बनने तक, पढ़ें MDH के मालिक महाशय धर्मपाल की कहानी
Mahashay Dharampal Gulati Death: देश की दिग्गज मसाला कंपनी महाशिया दी हट्टी (MDH) के मालिक महाशय धर्मपाल गुलाटी का निधन हो गया है। (Mahashay Dharampal Died) 98 वर्षीय महाशय धर्मपाल कोरोना संक्रमित हुए थे लेकिन कोरोना से ठीक होने के बाद उनका निधन हुआ है। व्यापार और उद्योग में उनके योगदान के लिए पिछले साल 2019 में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उन्हें पद्मभूषण से नवाजा था। महाशय धर्मपाल की जीवनी लाखों युवाओं को प्रेरित करने वाली है। दिल्ली में तांगा चलाने वाले महाशय धर्मपाल ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से देश की सबसे बड़ी मसाला कंपनी के मालिक बने थे। आइए जानें इनकी पूरी कहनी। ( Mahashay Dharampal Gulati Biography)
Recommended Video
पाकिस्तान से भारत आए थे महाशय धर्मपाल
महाशय धर्मपाल गुलाटी का जन्म 27 मार्च 1923 को पाकिस्तान के सियालकोट में हुआ था। 1947 में देश विभाजन के बाद वह और उनका परिवार भारत आ गया था। उनके पिता एमडीएच के संस्थापक महाशय चुन्नी लाल गुलाटी थे। परिवार ने कुछ समय अमृतसर में एक शरणार्थी शिविर में बिताया था, फिर काम की तलाश में दिल्ली आ गए थे। कहा जाता है कि महाशय धर्मपाल गुलाटी जब अपने परिवार के साथ भारत आए थे तो उनके पास महज 1,500 रुपये थे।
दिल्ली में तांगा चलाते थे महाशय धर्मपाल
दिल्ली पहुंचने के बाद परिवार के पालन पोषण के लिए महाशय धर्मपाल गुलाटी ने एक टांगा खरीदा था। जिसको वह दिल्ली के कनॉट प्लेस और करोल बाग के बीच चलाते थे। फिर उन्होंने तांगा बेचकर 1953 में चांदनी चौक में एक दुकान किराए पर लिया था। इस दुकान का नाम उन्होंने महाशिया दी हट्टी (MDH) रखा था। यहीं से इनके मसालों के व्यापार की शरुआत हुई थी। उन्होंने चांदनी चौक के साथ-साथ दिल्ली के करोल बाग स्थित अजमल खां रोड पर भी एक मसाले की एक दुकान खोली थी।
पांचवीं कक्षा तक पढ़ाई की थी महाशय धर्मपाल ने
1959 तक महाशय धर्मपाल ने दिल्ली में चांदनी चौक और करोल बाग में दो से तीन दुकाने मशाले की खोली थीं। उसके बाद 1959 में, गुलाटी ने महाशियां दी हट्टी की निर्माण इकाई स्थापित करने के लिए कीर्ति नगर में जमीन खरीदी थी। यहां से इनका बिजनेस बढ़ने लगा था।
धर्मपाल गुलाटी ने सिर्फ कक्षा पांचवीं तक पढ़ाई की थी। लेकिन बिजनेस में वो मंझे हुए खिलाड़ी थे। कारोबार में बड़े-बड़े दिग्गजों ने भी उनका लोहा माना है।
बने थे सबसे ज्यादा कमाई वाले CEO
कक्षा पांचवीं तक पढ़ाई करने वाले धर्मपाल जी बिजेनस समझ का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि धर्मपाल गुलाटी एफएमसीजी सेक्टर के सबसे ज्यादा कमाई वाले CEO थे। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक 2018 में धर्मपाल को 25 करोड़ रुपये सैलरी मिली थी। धर्मपाल गुलाटी अपने सैलरी का 90 फीसदी हिस्सा दान करते थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक वो 20 स्कूल और एक हॉस्पिटल को चलाते थे।
धर्मपाल गुलाटी खुद करते थे MDH मशाले का विज्ञापन
धर्मपाल गुलाटी को उनके चेहरे लोग उस वक्त पहचाने जाने लगे थे, जब वो अपनी कंपनी MDH मशाले का विज्ञापन खुद करते थे। उनके विज्ञापन का जिंगल ''असली मशाले सच-सच'' (Asli Masaale Sach Sach) काफी फेमस हुआ था। धर्मपाल गुलाटी को लोग MDH uncle' Dadaji, Masala King और King of Spices, मशालों के बादशाह, मशालों के राजा के नाम से जानते थे। धर्मपाल गुलाटी को उनके टीवी विज्ञापन से भारत का बच्चा-बच्चा पहचानता है।
दुनियाभर में बिकता है MDH मशाला
धर्मपाल गुलाटी ने अपने MDH मसाले के बिजनेस को इतना फैलाया कि इसकी बिक्री आज दुनियाभर के कई देशों में होते हैं। भारत और दुबई में MDH मसाले की 18 फैक्ट्रियां हैं। जहां से मसालों को दुनियाभर में भेजा जाता है। MDH मसाले के बाजार में 62 प्रोडक्ट्स हैं। कंपनी का दावा है कि उत्तरी भारत के 80 प्रतिशत बाजार में उनकी कंपनी का कब्जा है।