क्विक अलर्ट के लिए
अभी सब्सक्राइव करें  
क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

महाराष्ट्र: अजित पवार को वह चिट्ठी किसने दी, जो आधी रात में गवर्नर को सौंपी ?

Google Oneindia News

नई दिल्ली- शुक्रवार और शनिवार की दरमियानी रात में एनसीपी के तत्कालीन विधायक दल के नेता (अब बागी) अजित पवार के पास देवेंद्र फडणवीस की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार को समर्थन देने की वो चिट्ठी कहां से आई, जो उन्होंने गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी को सौंपी, इसको लेकर सस्पेंस अभी भी कायम है। उसी पत्र के बाद राज्यपाल के दफ्तर से राष्ट्रपति शासन हटाने की अनुशंसा वाली औपचारिकताएं शुरू हुईं और आखिरकार शनिवार सुबह देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री और खुद अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी। एनसीपी के उस समर्थन पत्र को लेकर पार्टी में ही तरह-तरह की अटकलबाजियां चल रही हैं और शायद खुद शरद पवार भी असमंजस में हैं कि ऐसा कैसे हो गया?

अजित पवार के समर्थन पत्र पर सस्पेंस बकरार

अजित पवार के समर्थन पत्र पर सस्पेंस बकरार

बीजेपी ने दावा किया है कि पिछले 30 अक्टूबर को अजित पवार को एनसीपी विधायक दल का नेता चुना गया था और उसी हैसियत से उन्होंने समर्थन वाली चिट्ठी राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को सौंपी है। शनिवार को शरद पवार से प्रेस कांफ्रेंस में भी इसके बारे में सवाल पूछा गया था। लेकिन, अजित पवार के उस पत्र की विषय-वस्तु को लेकर सस्पेंस की स्थिति अभी भी बनी हुई है। क्योंकि, शिवसेना में भी कोई पुख्ता तौर पर यह दावा करने की स्थिति में नहीं दिख रहा कि समर्थन वाली उस चिट्ठी में है क्या। संभव है कि सोमवार को जब राज्य सरकार की ओर से यह पत्र सुप्रीम कोर्ट में पेश किया जाएगा तब इस सस्पेंस पर से पर्दा उठेगा।

शरद पवार के भरोसेमंद से हुआ खेल?

शरद पवार के भरोसेमंद से हुआ खेल?

एनसीपी के कुछ नेताओं का मानना है कि शायद मुंबई में पार्टी दफ्तर में अजित पवार को पार्टी विधायक दल के नेता चुने जाने वाला वह पत्र पड़ा हुआ था। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में इस तरह के सारे पत्र-व्यवहार का मामला पार्टी चीफ शरद पवार के भरोसेमंद सहयोगी शिवाजीराव गर्जे ही संभालते हैं। एनसीपी के कुछ नेताओं का मानना है कि हो सकता है शुक्रवार देर रात में अजित पवार ने उनके विधायक दल के नेता चुने जाने वाला पत्र गर्जे से मांग लिया होगा। क्योंकि, जब शुक्रवार रात शरद पवार ने उद्धव ठाकरे के मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा कर दी, तब गर्जे ने सोचा होगा कि शायद यह पत्र शिवसेना को समर्थन देने के लिए मांगा जा रहा है और उसने यही सोचकर बड़े पवार से इस बात की उन्होंने तसल्ली भी नहीं की होगी। गौरतलब है कि शिवाजीराव एनसीपी चीफ पवार के बहुत ही खास हैं और उनके साथ काम करने के लिए उन्होंने सरकारी नौकरी से समय से पहले रिटायरमेंट ले ली थी।

सोमवार को हट जाएगा राज पर से पर्दा

सोमवार को हट जाएगा राज पर से पर्दा

दूसरी थ्योरी ये चल रही है कि अजित पवार ने राज्यपाल को विधायक दल के नेता की हैसियत से समर्थन की चिट्ठी सौंपी ही नहीं है। उन्होंने राज्यपाल को जो पत्र दिया, वह सिर्फ अटेंडेंस शीट है जिसपर अजित पवार को विधायक दल का नेता चुने जाने के लिए बैठक में पहुंचने वाले सारे सारे विधायकों के हस्ताक्षर हैं। इन दोनों थ्योरी में कौन सी कहानी सही है या फिर इसके पीछे कोई तीसरी थ्योरी भी है, यह तभी पता चलेगा जब सोमवार सुबह साढ़े 10 बजे गवर्नर को सौंपी गई वह चिट्ठी अदालत में सामने आएगी। बहरहाल, अजित पवार एनसीपी विधायक दल के नेता पद से हटाए जा चुके हैं और इस संबंधन में नवनियुक्त विधायक दल के नेता जयंत पाटिल राजभवन जाकर गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी तक को सूचना पहुंचा चुके हैं।

इसे भी पढ़ें- रात 8 बजे अजित पवार ने विधायकों को किया फोन, पूछा- मेरे साथ हो या चाचा के साथ?इसे भी पढ़ें- रात 8 बजे अजित पवार ने विधायकों को किया फोन, पूछा- मेरे साथ हो या चाचा के साथ?

Comments
English summary
There is still suspense about the draft of the rebel leader of NCP Ajit Pawar who handed over the letter to the Governor of Maharashtra supporting the BJP.
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X