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नियम-12 क्या है ? जिसका J&K के बाद महाराष्ट्र में हुआ इस्तेमाल

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नई दिल्ली- महाराष्ट्र में शनिवार तड़के राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कैबिनेट की सामान्य प्रक्रिया का नहीं, बल्कि विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया। दरअसल, शनिवार से ही ये सवाल उठ रहे थे कि आखिर कैसे सुबह-सुबह महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी की ओर से राष्ट्रपति हटाए जाने की अनुशंसा केंद्र सरकार को मिली? तड़के कब केंद्रीय कैबिनेट की बैठक हुई और कब राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश पर राष्ट्रपति की मुहर लगी? शनिवार को केंद्रीय कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद से जब इस संबंध में पूछा गया था तो उन्होंने भी कहा था कि "सभी फैसले कानून के निर्धारित प्रक्रिया के तहत ही लिए गए हैं। " दरअसल, इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने विशेषाधिकार का इस्तेमाल किया, जो उन्हें भारत सरकार के (कार्य करने के) नियम, 1961 के तहत नियम-12 में प्राप्त है। आइए, जानते हैं कि ये नियम है क्या और इसका इससे पहले कब इस्तेमाल किया गया?

पीएम मोदी ने किया विशेषाधिकार का इस्तेमाल

पीएम मोदी ने किया विशेषाधिकार का इस्तेमाल

भारत सरकार के (कार्य करने के) नियम, 1961 के तहत नियम-12 में यह व्यवस्था है कि अगर प्रधानमंत्री को आवश्यक लगता है तो वे बिना कैबिनेट की मंजूरी के राष्ट्रपति शासन हटाए जाने की सिफारिश कर सकते हैं। इसके अनुसार कैबिनेट के एक्स-पोस्ट-फैक्टो (पहले या बाद में) मंजूरी लेने का प्रावधान है। रविशंकर प्रसाद ने भी इसकी जानकारी देते हुए कहा था कि, 'प्रधानमंत्री के पास विशेषाधिकार है। सबकुछ प्रक्रिया के तहत हुआ।' नियम-12 के मुताबिक, प्रधानमंत्री को अगर जरूरी लगता है तो वह भारत सरकार के कार्य करने की सामान्य प्रक्रिया में थोड़ा बदलाव कर सकते हैं। कैबिनेट बाद में या पहले ही नियम-12 के तहत फैसले पर मंजूरी दे सकता है। पहले इस नियम का इस्तेमाल ऑफिस मेमोरेंडम या एमओयू पर हस्ताक्षर करने में होता रहा है।

31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के लिए भी हुआ इस्तेमाल

31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर के लिए भी हुआ इस्तेमाल

महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन हटाने से पहले पिछले 31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों जम्मू एवं कश्मीर और लद्दाख के पुनर्गठन के लिए भी इसी नियम का इस्तेमाल किया गया था। उस दिन राष्ट्रपति ने जो दोनों केंद्र शासित प्रदेशों के बीच जो विभिन्न जिलों का विभाजन किया था, वह आदेश नियम-12 के तहत ही जारी हुआ था। उस आदेश पर केंद्रीय कैबिनेट की पोस्ट-फैक्टो (बाद में ) मंजूरी पिछले 20 नवंबर को मिली है।

शनिवार को महाराष्ट्र में कैसे-क्या हुआ ?

शनिवार को महाराष्ट्र में कैसे-क्या हुआ ?

जब महाराष्ट्र के गवर्नर को इस बात की जानकारी मिल गई कि बीजेपी के पास एनसीपी के साथ सरकार बनाने लायक आंकड़े हैं तो राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने उस दावे की जांच की। जानकारी के मुताबिक इसके बाद गवर्नर के दफ्तर ने रात में ही राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश भेजने के लिए सारी औपचारिकताएं पूरी कीं। शनिवार सुबह करीब पौने छह बजे सरकारी गजट में महाराष्ट्र से राष्ट्रपति शासन हटाए जाने के आदेश की घोषणा प्रकाशित कर दी गई। इससे सुबह 7.50 पर महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के शपथग्रहण का रास्ता साफ हो गया।

क्या है मतलब ?

क्या है मतलब ?

महाराष्ट्र के मामले में नियम-12 के इस्तेमाल से ये भी संकेत मिलता है कि भाजपा के बड़े नेताओं को भी वहां तेजी से बदले घटनाक्रम की जानकारी नहीं थी। कई मंत्री दिल्ली से बाहर थे। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सिंगापुर से लौटने के बाद लखनऊ में थे, जबकि परिवहन मंत्री नितिन गडकरी रांची में एक रैली को संबोधित करने के बाद नागपुर चले गए थे। शायद यही वजह है कि पीएम मोदी को राष्ट्रपति शासन हटाने के लिए नियम-12 का इस्तेमाल करना पड़ा।

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English summary
PM Modi used the prerogative of Rule-12 as a provision for the functioning of the government to remove President's rule in Maharashtra
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