ठाणे की नदी का रंग हुआ लाल, लोग हैरान, दोषी का नाम बताने वाले को मिलेगा 1 लाख रुपए का इनाम
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के थाणे जिले में स्थित उल्हासनगर और अंबरनाथ में रहने वाले लोगों का रहना काफी मुश्किल हो रहा है। यहां टाउनशिप में रहने वाले लोगों का आरोप है कि वालधुनी नदी में जहरीला रसायन डाला जा रहा है जिसकी वजह से उनके जीवन काफी मुश्किल हो रहा है। लगातार कई शिकायतें करने के बाद भी महाराष्ट्र पॉल्युशन कंट्रोल बोर्ड इसके लिए कोई कदम नहीं उठा रहा है। बता दें कि इससे पहले 2014 में यहां रहने वाले तकरीबन 600 परिवार वालों को उल्टी, बेचैनी और सांस लेने में दिक्कत की समस्या हुई थी। इस मामले में पुलिस केस दर्ज किया गया था, लेकिन बावजूद इसके प्रशासन की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की गई।
तस्वीर मिड डे के सौजन्य से
यहां रहने वाले लोग लगातार प्रशासन से शिकायतें कर रहे हैं ताकि यहां केमिकल से भरे टैंकर को आने से रोका जा सके, जिसे नदी में बहाया जाता है। यह केमिकल वेस्ट गुजरात के वापी और पनवल की फैक्ट्री से आता है। इस केमिकल को अंबरनाथ स्थित ट्रीटमेंट प्लांट में भेजने की बजाए एमआईडीसी इसे यहां भेजता है और इसे नदी में बहा दिया जाता है। कई टैंकर इस वेस्टेज को यहां नदी में बहाते हैं जिसकी वजह से नदी का रंग लाल नजर आने लगता है।
वहीं इस बाबत उल्हासनगर के पार्षद टोनी सिर्वानी का कहना है कि 2014 में सैकड़ों लोगों को इसकी वजह से काफई दिक्कत हुई थी। लेकिन बावजूद इसके यहां वेस्टेज को डंप किए जाने का काम नहीं रोका गया। टैंकर माफिया यहां जहरीला वेस्ट लगातार डंप करते रहते हैं जोकि वालधुनी नदी में बहाया जाता है। नवंबर माह में यहां रहने वाले लोगों ने आंख में जलन, सांस लेने में दिक्कत, उल्टी, चक्कर की शिकायत की थी। नदी यहां भूरे लाल रंग की हो चुकी है और यह बेहद खतरनाक रूप ले चुकी है।
पार्षद ने कहा कि मैंने खुद देखा है कि यहां जहरीला रसायन गिराया जाता है। लगातार पुलिस, कंट्रोल बोर्ड और स्थानीय निकाय से शिकायत की बाद भी यह सिलसिला नहीं थमा। इसी वजह से तमाम कॉर्पोरेटर इसके लिए एकजुट हुए। हम नदी किनारे के इलाकों का दौरा करते हैं, मैंने खुद आरोपियों की जानकारी देने वाले को एक लाख रुपए के इनाम की घोषणा की है। वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि टैंकर स्थानीय लोगों को पैसा लेते हैं और फिर केमिकल को यहां नदी में बहा देते हैं।
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