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महाराष्ट्र के शिक्षक ने जीता ग्लोबल टीचर प्राइज, मिले 10 लाख अमेरिकी डॉलर, CM ठाकरे ने कही ये बात

महाराष्ट्र के शिक्षक ने जीता ग्लोबल टीचर प्राइज, मिले 10 लाख अमेरिकी डॉलर, CM ठाकरे ने कही ये बात

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मुंबई: Maharashtra Teacher Ranjitsinh Disale Wins Teacher Prize 2020: भारत के महाराष्ट्र से एक प्राथमिक स्कूल के शिक्षक रंजीत सिंह दिसाले को वार्षिक ग्लोबल टीचर प्राइज, 2020 का विजेता घोषित किया गया है। इनाम के तौर पर महाराष्ट्र के सोलापुर जिले के पारितेवादी गांव के रहने वाले 32 वर्षीय रंजीत सिंह दिसाले को 10 लाख अमेरिकी डॉलर मिले हैं। रंजीत सिंह दिसाले को ग्लोबल टीचर प्राइज लड़कियों के शिक्षा को बढ़ावा देने और देश में त्वरित कार्रवाई (क्यूआर) कोड वाली पाठ्यपुस्तक क्रांति को ट्रिगर करने के लिए मिला है। रंजीत सिंह दिसाले को महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे और महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने बधाई दी है।

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Global Teacher Prize 2020: Maharashtra के टीचर ने जीता Global Teacher Prize । वनइंडिया हिंदी
Global Teacher Prize

जानें सीएम ठाकरे और राज्यपाल ने क्या कहा?

गवर्नर हाउस की ओर से जानकारी दी गई है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने सोलापुर जेडपी स्कूल के शिक्षक रंजीत सिंह को ग्लोबल टीचर प्राइज 2020 के लिए चुने जाने पर बधाई दी है।

वहीं मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से जानकारी दी गई है कि महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने भी रंजीत सिंह को सम्मानजनक कहा और उन्हें बधाई दी। सीएम ठाकरे ने रंजीत सिंह से बातचीत भी की है। इस दौरान रंजीत सिंह ने सीएम ठाकरे से कहा है कि वो प्राइज के 7 करोड़ के पुरस्कार राशि का उपयोग शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए करेंगे।

जानें ग्लोबल टीचर प्राइज जीतने के बाद क्या बोले रंजीत सिंह दिसाले

ग्लोबल टीचर प्राइज जीतने के बाद रंजीत सिंह दिसाले ने कहा है कि वह अपेन प्राइज राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों को उनके अतुल्य कार्य में मदद के लिए देंगे। रंजीत सिंह दिसाले ने कहा, ''कोरोना महामारी ने शिक्षा और संबंधित समुदायों को कई तरह से मुश्किल स्थिति में लाकर खड़ा कर दिया है। लेकिन इस मुश्क्लि वक्त में भी शिक्षक ये कोशिश कर रहे हैं कि हर छात्र तो अच्छी शिक्षा मिल पाए। इसलिए मुझे ये घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि मैं पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा अपने साथी प्रतिभागियों में उनके अतुल्य कार्य के लिए दूंगा।''

रिपोर्ट के मुताबिक, जब रंजीत सिंह दिसाले साल 2009 में सोलापुर के पारितवादी के जिला परिषद प्राथमिक स्कूल पहुंचे थे तो स्कूल भवन की हालत जर्जर थी। स्कूल किसी मवेशियों के रहने की जगह जैसी थी। इस हालत को देखने के बाद रंजीत सिंह दिसाले ने इस बात की जिम्मेदारी ली कि वह इस प्राथमिक विद्यालय की स्थिति को सुधारेंगे और उन्होंने वैसा ही किया।

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English summary
Maharashtra Teacher Ranjitsinh Disale Wins $1 Million Global Teacher Prize 2020
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