महाराष्ट्र: शिवसेना को सता रहा विधायकों के टूटने का डर, कहा- कुछ लोग बोल रहे हैं 'थैली' की भाषा
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मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन के लिए बेहद कम वक्त रह गया है लेकिन अभी तक इसको लेकर भाजपा और शिवसेना के बीच कोई सहमति नहीं बन पाई है। दोनों दल अपनी-अपनी शर्तों पर अड़े हैं जिसके वजह से सरकार गठन को लेकर तस्वीर साफ होती नहीं दिखाई दे रही है। वहीं, सरकार बनाने को लेकर जारी खींचतान के बीच शिवसेना को अपने विधायकों के टूटने का डर सताने लगा है। इसी को लेकर शिवसेना ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाया है।
कुछ लोग बोल रहे हैं 'थैली' की भाषा- शिवसेना
शिवसेना ने एक बार फिर कहा है कि जनता की मांग है कि राज्य का सीएम शिवसेना से ही होना चाहिए। मुखपत्र 'सामना' में छपे एक संपादकीय के जरिए शिवसेना ने कहा है, 'कुछ लोग चुने हुए नए विधायकों से संपर्क कर पैसे से उन्हें खरीदने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसी शिकायतें बढ़ रही हैं। शिवसेना राज्य में मूल्य विहीन राजनीति को नहीं चलने देगी। पिछली सरकार पैसे के दम पर राज्य में नई सरकार बनाना चाहती है, कोई भी किसानों की मदद नहीं कर रहा है, इसलिए किसान शिवसेना का मुख्यमंत्री चाहते हैं।
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विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा
सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा धूमिल करके यहां पर कोई राज नहीं कर सकता है। इसलिए शिवसेना वहां तलवार लेकर खड़ी है। दूसरी तरफ, भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का प्रतिनिधिमंडल आज राज्यपाल से मुलाकात करके सरकार बनाने का दावा पेश करेगा। बता दें कि प्रदेश की विधानसभा का कार्यकाल 9 नवंबर को खत्म हो रहा है। जबकि, अभी तक राज्य में सरकार के गठन को लेकर कुछ तय नहीं हो पाया है।
महाराष्ट्र में शिवसेना और भाजपा में टकराव
बता दें कि महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव में बीजेपी ने 105 और शिवसेना ने 56 सीटों पर जीत दर्ज की। जबकि कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली है। बहुमत के लिए यहां 145 सीटों की जरूरत है, ऐसे में साफ है कि कोई एक पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकती है। भाजपा-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था, ऐसे में इनके पास बहुमत है। लेकिन नतीजे आने के बाद से शिवसेना ढाई-ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री की मांग पर अड़ी है, वहीं भाजपा इस पर तैयार नहीं है। इसी के बाद से दोनों दलों के बीच खींचतान जारी है।