Reven Shinde: सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी गई तो शुरू किया चाय का स्टार्टअप, हर महीने कमा रहा 2 लाख रुपए
नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी (Coronavirus Epidemic) से निपटने के लिए अब भारत में भी कोविड-19 वैक्सीन आ चुकी है, जल्दी ही टीकाकरण भी शुरू हो जाएगा। चीन में सामने आए कोरोना वायरस का प्रकोप एक साल बाद भी जारी है, भारत में इसका तांडव मार्च से देखने को मिला था। महामारी के प्रसार को रोकने के लिए भारत समेत दुनियाभर में लॉकडाउन (Lockdown) लगाया गया जिससे कई लोगों की नौकरी छिन गई। भारत में भी कोरोना वायरस संकट में कई लोगों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी।
2019 में थे गार्ड अब हैं बिजनेस मैन
महाराष्ट्र ( Maharashtra) के पुणे (Pune) में रहने वाले रेवन शिंदे को भी अपनी गार्ड की नौकरी (maharashtra security guard reven shinde) से हाथ धोना पड़ा। हालांकि आज वह एक बड़े बिजनेस मैन बन गए हैं और महीने में 50 हजार रुपए तक मुनाफे की कमाई कर रहे हैं। रेवन शिंदे (reven shinde) की कहानी आज दूसरों के लिए प्रेरणा बन गई है, लोग दूर दूर से उनके टी कैफे में चाय पीने पहुंच रहे हैं। आपको बता दें कि रेवन शिंदे की नौकरी कोरोना वायरस के आने से पहले ही चली गई थी। साल 2019 में नौकरी जाने के बाद जून, 2020 में उन्होंने चाय का स्टार्टअप शुरू किया।
लोगों को फ्री में पिलाई चाय
न्यूज एजेंसी एएनआई से बात करते हुए रेवन शिंदे ने बताया कि कोरोना वायरस लॉकडाउन के समय मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन जब नियमों में छूट मिली तो बिजनेस दौड़ पड़ा। शिंदे ने कहा, 'लॉकडाउन में ढिलाई के बाद कार्यालयों में लोगों को चाय मिलनी मुश्किल हो गई थी। हमने लोगों का रिएक्शन देखने के लिए शुरू-शुरू में मुफ्त चाय और कॉफी देने का फैसला किया। अब हमारे पांच कर्मचारी दिन में 700 से अधिक कप चाय बेचते हैं।'
12 हजार रुपए सैलरी में करते थे नौकरी
रेवन ने बताया कि करीब छह साल पहले वह काम की तलाश में अपने भाई-बहनों के साथ पुणे आए थे। रेवन के मुताबिक वह पिंपरी-चिंचवाड़ की एक लॉजिस्टिक्स कंपनी में सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी करने लगे, यहां उन्हें महीने के 12 हजार रुपए सैलरी मिलती थी। हालांकि साल के अंत यानी दिसंबर, 2019 में कंपनी बंद हो गई और उनकी नौकरी भी चली गई। इसके बाद उन्होंने एक स्नैक्स सेंटर में काम करना शुरू किया।
लॉकडाउन से ठीक पहले शुरू किया बिजनेस
रेवन ने कहा, '15 मार्च को मैंने एक जगह किराए पर ली और पिंपरी में अपना स्नैक और टी कॉर्नर शुरू किया। इस बीच लॉकडाउन लग गया और मेरी सारी बचत भी खत्म हो गई।' लॉकडाउन के बीच जून मेंरेवन ने फिर से अपने पैरों पर खड़ा होना शुरू किया। रेवन ने बताया, कोरोना वायरस के चलते शुरू-शुरू में लोग निकटतम चाय विक्रेताओं से संपर्क करने से आशंकित थे। इस दौरान उन्होंने लोगों को मुफ्त में चाय पिलाई। ऐसा दो महीनों तक चला।
हर महीने हो रही 2 लाख रुपए की कमाई
बीतते समय के साथ रेवन के पास फोनपर भी ऑर्डर आने लगे। रेवन अदरक की चाय के साथ, कॉफी और गर्म दूध भी लोगों के बीच सर्व करने लगे। रेवन के चाय का छोटा कप 6 रुपए में, जबकि बड़े कप की कीमत 10 रुपए है। अब रेवन एक दिन में लगभग 700 कप बेच देते हैं, और रोजाना 2000 रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं। रेवान को हर महीने 2 लाख रुपए की कमाई करते हैं जिसमें से लगभग 50,000 का मुनाफा उठा रहे हैं।
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