महाराष्ट्र: बचेगी या जाएगी उद्धव सरकार, संजय निरुपम बोले.....किनारे हो जाए कांग्रेस
नई दिल्ली- कोरोना वायरस की वजह से बेकाबू होती जा रही महाराष्ट्र की व्यवस्था को लेकर राज्य की उद्धव ठाकरे सरकार विपक्ष के निशाने पर है। भाजपा ने महाराष्ट्र सरकार पर कोरोना संकट से निपटने में नाकामी का आरोप लगाकर सियासी मोर्चा खोल दिया है। लेकिन, उद्धव ठाकरे के लिए मुसीबत ये शुरू हो गई है कि उनकी सरकार की साझेदार कांग्रेस के नेता संजय निरुपम ने ही मुख्यमंत्री पर नाकामी का आरोप लगाकर राजनीतिक हमला शुरू कर दिया है। निरुपम ने दो टूक कह दिया है कि महाराष्ट्र की मौजूदा सरकार कोरोना संकट से निपटने में नाकाम रही है, इसलिए कांग्रेस को ऐसी सरकार से किनारा कर लेना चाहिए।
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कोरोना पर बोले संजय निरुपम.....किनारे हो जाए कांग्रेस
कोरोना वायरस संकट के बीच महाराष्ट्र में राजनीतिक तूफान आने का अंदेशा दिखाई देने लगा है। शरद पवार और उद्धव ठाकरे के बीच मातोश्री में लंबी बात हुई है। पवार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी से भी मुलाकात की है। शिवसेना सांसद संजय राउत भी राज्यपाल से मिलकर आए हैं और कोरोना काल में शिष्टाचार मुलाकात की दुहाई दे रहे हैं। लेकिन, महाराष्ट्र सरकार पर सबसे बड़ा बम कांग्रेस नेता संजय निरुपम ने फोड़ दिया है। निरुपम ने कोरोना से बेकाबू हो चुके हालात और प्रवासी मजदूरों के मुद्दे पर अपनी ही सरकार को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने दो टूक कह दिया है कि राज्य में तीन पार्टियों वाली हमारी सरकार (शिवसेना-एनसीपी और कांग्रेस) कोरोना वायरस का सामना करने में पूरी तरह से नाकाम रही है। सबसे बड़ी बात उन्होंने ये कह दी है कि कांग्रेस को अब इस सरकार से किनारे हो जाना चाहिए। क्योंकि, शिवसेना के मुख्यमंत्री अपनी मर्जी से सरकार चला रहे हैं इसलिए कांग्रेस को अपना फैसला लेना चाहिए। उन्होंने यहां तक कह दिया है कि राज्य में जारी राजनीतिक घटनाक्रमों के लिए शिवसेना ही जिम्मेदार है। उन्होंने ये भी कह दिया है कि अब मुंबई तेजी से वुहान के रास्ते पर चल पड़ा है।
निरुपम बोले मुंबई की दुर्दशा के लिए हमारी सरकार जिम्मेदार
दरअसल,
पिछले
कुछ
दिनों
से
महाराष्ट्र
सरकार
के
खिलाफ
विपक्ष
बीजेपी
ने
मोर्चा
खोल
रखा
है।
प्रदेश
में
राष्ट्रपति
शासन
लगाए
जाने
तक
की
मांगें
उठने
लगी
हैं।
भाजपा
ने
कोरोना
क्राइसिस
में
नाकामी
के
आरोपों
के
साथ
सार्वजनिक
तौर
पर
महाअघाड़ी
सरकार
के
खिलाफ
बिगुल
फूंक
रखा
है।
ऐसे
में
निरुपम
का
अपनी
सरकार
के
बारे
में
कहना
कि
जब
केंद्र
प्रवासी
मजदूरों
की
लिस्ट
मांग
रहा
है
तो
सरकार
दे
क्यों
नहीं
पा
रही
है,
उसे
तो
ये
लिस्ट
तुरंत
देनी
चाहिए।
वहां
की
हालात
बयां
करने
के
लिए
काफी
हैं।
हालांकि,
वे
शुरू
से
इस
गठबंधन
के
विरोधी
रहे
हैं।
और
अब
उनका
कहना
है
कि
अभी
भी
कांग्रेस
अगर
सरकार
से
अलग
नहीं
हुई
तो
वह
जनता
को
क्या
जवाब
देगी।
जबकि,
मुंबई
की
जो
आज
हालत
हुई
है
उसके
लिए
हमारी
ही
सरकार
जिम्मेदार
है।
उन्होंने
तो
सीएम
ठाकरे
पर
अहंकारी
होने
तक
का
आरोप
लगा
दिया
है।
सवाल
है
कि
जब
तीखे
सवाल
सरकार
के
भीतर
से
पूछे
जा
रहे
हैं
तो
भाजपा
का
मनोबल
बढ़ना
तो
स्वाभाविक
ही
है।
(ऊपर
की
तस्वीरें-
फाइल)
हमारी सरकार स्थिर है- पवार
हालांकि, इस सियासी उथल-पुथल और भाजपा के आक्रामक तेवर के बीच शिवसेना और एनसीपी की ओर से बार-बार कहा जा रहा है कि सरकार स्थिर है और 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा करेगी। एनसीपी सुप्रीमो ने कहा है कि सरकार पर कोई संकट नहीं है और कोई कुछ भी कहता रहे, लेकिन हम यही कहेंगे शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी की सरकार पूरी तरह से स्थिर है। उधर महाअघाड़ी की नींव रखने वालों के अगुवा शिवसेना सांसद ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद कहा है कि सरकार को कोई खतरा नहीं है और वह अपना कार्यकाल पूरा करेगी। हालांकि, जिस तरह से पिछले दो दिनों में एनसीपी और शिवसेना के नेताओं की मुख्यमंत्री और राज्यपाल के साथ मुलाकातों का दौर चला है, उससे तो ऐसा ही लगता है कि सरकार के अंदर की हालात सामान्य तो बिल्कुल ही नहीं है।