50 लाख रुपए कीमत का सांप जब्त, सेक्स पावर बढ़ाने और तांत्रिक शक्तियों के लिए होती है डिमांड
मुंबई। नवी मुंबई से पुलिस ने एक व्यक्ति के पास से दुर्लभ प्रजाति का अनोखा सांप बरामद किया है। इसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 50 लाख रुपए बतायी जा रही है। पुलिस ने सांप की तस्करी करने वाले शख्स को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक इस सांप को नवी मुंबई के पनवेल इलाके के पास लगे एक वन्यजीव बाजार से उस वक्त जब्त किया गया, जब 20 वर्षीय जाधव नाम का व्यक्ति इसे बेचने की कोशिश कर रहा था। इस मामले में जाधव के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
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रेड सैंड बोआ (दोमुंहा) है सांप
भारत में संरक्षित दोमुंहा सांप की अंतरराष्ट्रीय मार्केट में बहुत ज्यादा डिमांड है। जहां इसकी कीमत करोड़ों में बताया जाती है। राजस्थान के मरूस्थीय इलाकों में बहुतायत से पाये जाने वाले दोमुंहा सांप का वैज्ञानिक नाम रेड सैंड बोआ स्नेक है। इस सांप से जुड़े कुछ रूढ़ियों के चलते बहुत बड़े पैमाने पर इसकी स्मगलिंग होती है। अंतरराष्ट्रीय डिमांड के चलते इस सांप को विदेशों में 3 करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपए तक की कीमत में बेचा जाता है।
यौन शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ लोग करते हैं प्रयोग, कुछ तांत्रिक शक्ति के लिए
एक रिपोर्ट के अनुसार, दोमुंहे सांप का इस्तेमाल विशेषरूप से तांत्रिक क्रियाओं में किया जाता है। वहीं कुछ लोगों का ऐसा भी मानना है कि इन सांप को खाने से शारीरिक शक्ति और यौन शक्ति में बढ़ोतरी होती है। साथ ही एड्स जैसी खतरनाक बीमारी का भी इलाज इससे संभव है। हालांकि ऐसा होने के पीछे कोई वैज्ञानिक कारण नहीं हैं। लेकिन ऐसी किदवंतियों के चलते बड़े पैमाने पर इनकी तस्करी की जाती है।
जहर नहीं होता है इस सांप में
इस सांप में जहर नहीं पाया जाता, इसका आकार अन्य सांप के मुकाबले कुछ भिन्न होता है, इसक सिर और पूंछ का आकार गोल होता है जिसकी वजह से इस सांप के दो सिर होने के भ्रम होता है। इस सांप को दिखाकर लोगों को बेवकूफ बनाया जाता है कि इस सांप से सौभाग्य आता है।
रात में बाहर निकलता है ये सांप
ये सांप रात में ही बाहर निकलता है, आकार में मोटा होने के कारण इसकी चाल सुस्त होती है। इस सांप की खास बात ये है कि ये कभी भी अपना बिल नहीं बनाता, ये चूहों के बनाये बिलों में घुस जाता है। ये दूसरे सांपों को भी अपना भोजन बना लेता है। मादा रेड सैंड बोआ एक बार में कम से कम छह बच्चों को जन्म देती है।
मनुष्यों के लिए खतरा नहीं है से सांप
यह सांप मनुष्यों से दूर भागता है। चूहे, कीड़े-मकोडे तथा छोटे जानवरों के शिकार पर यह सांप निर्भर करता है। यह सांप को लोगों के लिए खतरा नहीं होता है। अभी तक मनुष्यों को कटने का कोई मामला सामने नहीं आया है। वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट के अनुसार यह सांप शांत प्रवृति का होता है। वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत संरक्षित होने के बाद, इसके पाए जाने पर वन विभाग को जानकारी देना अनिवार्य है। जहां इस सांप का डॉक्युमेंटेशन होता है। इस सांप को मारना और तस्करी करना कानूनन अपराध है।