महाराष्ट्र पर कोरोना का कहर- मुंबई और राज्य के कुछ हिस्सों में मिले कम्युनिटी ट्रांसमिशन के सबूत
मुंबई। देश में कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ता जा रहा है। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पिछले 24 घंटे में देश में कोरोना संक्रमण के 4213 नए मामले सामने आए हैं। केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या बढ़कर 67152 हो गई है। इनमें 44029 एक्टिव केस हैं और 20917 मरीज संक्रमण से रिकवर हो चुके हैं। देश में कोरोना से अब तक 2206 लोगों की मौत हो चुकी है। कोरोना से सबसे बुरा हाल महाराष्ट्र का है। यहां पॉजिटिव मरीजों की संख्या 22 हजार पार हो चुकी है। इस बीच एक ऐसी खबर आ रही है जो परेशानी में डाल सकती है। महाराष्ट्र डिजीज सर्विलांस ऑफिसर डॉक्टर प्रदीप आवटे ने कहा है कि मुंबई और महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में कोरोना के सामुदायिक प्रसार (कम्युनिटी ट्रांसमिशन) के कुछ सबूत हैं। हालांकि, राज्य का में समग्र तस्वीर क्लस्टर मामलों की है।
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उन्होंने कहा कि असली स्थिति का पता लगाने के लिए प्रत्येक मामले के गहरे विश्लेषण की जरूरत है। महाराष्ट्र के कुछ हिस्सों में ऐसे ही कम्युनिटी ट्रांसमिशन का संकेत देते हुए डॉ आवटे ने कहा, "हमें मुंबई और पूरे महाराष्ट्र राज्य में कोरोना वायरस मामलों के क्लस्टर मिल रहे हैं। मुंबई ही नहीं बल्कि राज्य के अन्य कुछ इलाकों में भी कम्युनिटी ट्रांसमिशन के कुछ सबूत है, लेकिन संपूर्ण तौर पर हमें मामलों के क्लस्टर मिल रहे हैं।" उन्होंने कहा, "हमें प्रत्येक मामले का लिंक, उसका यात्रा इतिहास, संक्रमण के संभावित कारण आदि ढूढ़ने की जरूरत है।"
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मुंबई में कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों पर डॉ आवटे ने कहा, "मुंबई का मामले देश के अन्य हिस्सों से अलग है। यहां घनी आबादी है और इसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति भी अलग है।" उन्होंने कहा, "न केवल ये महाराष्ट्र की राजधानी है बल्कि इसकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति भारत के अन्य मेट्रो से अलग है। इसका जनसंख्या घनत्व अधिक है। यहां प्रति वर्ग किलोमीटर में 20,000 लोग रहते हैं। यही कारण है कि मुंबई से इतने मामले सामने आ रहे हैं।"
क्या होता है कम्युनिटी ट्रांसमिशन?
कम्युनिटी ट्रांसमिशन के दौरान किसी व्यक्ति को संक्रमण कैसे हुआ, इसका पता लगाना नामुमकिन होता है। जो लोग संक्रमित इलाकों या संक्रमित लोगों के संपर्क में नहीं आए होते, उनमें भी संक्रमण पाया जाता है। इससे संकेत मिलता है कि ऐसे कई संक्रमित लोग घूम रहे हैं जिनकी पहचान नहीं हो पाई है और वे दूसरे लोगों में वायरस फैला रहे हैं। इस चरण में मामले कई गुना तेजी से बढ़ते हैं और महामारी का रूप ले सकते हैं।