महाराष्ट्र सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे का अफेयर बना मुसीबत, BJP पहुंची चुनाव आयोग
Maharashtra minister Dhananjay Munde case: महाराष्ट्र के सामाजिक न्याय मंत्री धनंजय मुंडे की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही है। उनपर आरोप है कि महिला के साथ उन्होंने रेप किया है। मुंबई की एक गायिका ने आरोप लगाया है कि मुंडे ने उनके साथ 2006 में कई बार रेप किया था। आरोपों पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए मुंडे ने कहा कि ये आरोप उन्हें ब्लैकमेल करके रकम वसूलने की एक साजिश है। मंत्री ने कहा कि वह शिकायतकर्ता महिला की बहन के साथ आपसी सहमति से संबंध में थे और दोनों को दो बच्चे भी हुए हैं।
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मुंडे ने अपने ऊपर लगे आरोपों से इनकार किया है और इसे ब्लैकमेलिंग करार दिया है। एक बयान जारी करके उन्होंने कहा कि 2003 में वह एक महिला के साथ रिलेशनशिप में थे और शिकायत करने वाली महिला उसकी बहन है। मैंने दोनों बच्चों को अपना नाम दिया, मैंने दोनों बच्चों की जिम्मेदारी को उठाया और दोनों ही बच्चे मेरे साथ रहते हैं। मेरी पत्नी ने दोनों बच्चों को परिवार के तौर पर स्वीकार किया है। मैंने महिला को मुंबई में फ्लैट खरीदने में भी मदद की और उसके भाई को बिजनेस शुरू करने में भी मदद की।
धनंजय मुंडे के इस स्वीकृति के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा सियासी बवंडर खड़ा हो गया है। भाजपा नेता किरीट सोमैया ने उनके खिलाफ चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। सोमैया का कहना है कि मुंडे ने चुनाव आयोग को दिए शपथ पत्र में अपनी पत्नी, बच्चों और उनकी संपत्ति की जानकारी नहीं दी है। मुंडे ने खुद इस बात को स्वीकार किया है कि उनकी दो पत्नियां हैं और उनके नाम पर संपत्ति है। लेकिन ये जानकारी चुनाव आयोग को दिए गए शपथ पत्र में नहीं दी गई है। सोमैया ने कहा कि मैंने चुनाव आयोग से अपील की है कि वह इस मामले की जांच करे और जरूरी कार्रवाई करे।
महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मामले का सच लोगों के सामने आना चाहिए। वरिष्ठ वकील सतीश उके ने कहा कि चुनाव संबंधित याचिका इस मामले में दायर नहीं की जा सकती है क्योंकि यह मामला चुनाव परिणाम घोषित होने के 45 दिन के बाद आया है। चुनाव दिसंबर 2019 में हुए थे और 45 दिन के भीतर इस बाबत शिकायत दर्ज की जानी चाहिए थी। एक अन्य लीगल एक्सपर्ट का कहना है कि मुंडे के केस में दो शादी का मामला नहीं टिकता है क्योंकि वह दूसरी महिला के साथ रिलेशनशिप में थे और उन्होंने उससे शादी नहीं की थी। लिहाजा चुनाव आयोग के शपथ पत्र में इसकी जानकारी देने का सवाल खड़ा नहीं होता है। हालांकि बच्चों की जानकारी नहीं दी गई है, लिहाजा चुनाव आयोग चाहे तो कार्रवाई कर सकता है।