Maharashtra: मल्लिकार्जुन खड़गे ने राज्यपाल पर लगाया संगीन आरोप
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद तकरीबन एक महीने होने को आ रहे हैं, लेकिन बावजूद इसके प्रदेश में नई सरकार का रास्ता साफ नहीं हो सका है। एक तरफ जहां शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी के बीच मुख्यमंत्री पद को लेकर तनाव के चलते शिवसेना ने अपना रास्ता भाजपा से अलग कर लिया तो दूसरी तरफ प्रदेश में वैकल्पिक सरकार के गठन का रास्ता साफ नहीं हो सका है। प्रदेश की राजनीतिक स्थिति को देखते हुए यहां राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है। प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के बाद कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने भाजपा पर जमकर हमला बोला है।
भाजपा
पर
साधा
निशाना
मल्लिकार्जून
खड़गे
ने
कहा
कि
भाजपा
को
लाभ
पहुंचाने
के
लिए
राज्यपाल
ने
शिवसेना,
एनसीपी
और
कांग्रेस
को
सरकार
बनाने
के
लिए
पर्याप्त
समय
नहीं
दिया।
यहां
तक
कि
शिवसेना
को
सरकार
बनाने
के
लिए
48
घंटे
तक
का
भी
समय
नहीं
दिया
गया।
भाजपा
पर
निशाना
साधते
हुए
मल्लिकार्जुन
खड़गे
ने
कहा
कि
यह
सबकुछ
सिर्फ
इसलिए
किया
गया
ताकि
यह
दिखाया
जा
सके
कि
संवैधानिक
प्रक्रिया
का
पालन
किया
जा
रहा
है।
बता
दें
कि
राज्यपाल
ने
सबसे
पहले
प्रदेश
में
भाजपा
को
सरकार
बनाने
का
न्योता
दिया
था।
लेकिन
भाजपा
ने
सरकार
बनाने
से
इनकार
कर
दिया।
भाजपा
की
ओर
से
कहा
गया
कि
हमारे
पास
पर्याप्त
संख्याबल
नहीं
है,
लिहाजा
हम
सरकार
नहीं
बनाएंगे।
सरकार
बनाने
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
गई
है
गौरतलब
है
कि
एनसीपी
मुखिया
शरद
पवार
ने
कहा
है
कि
महाराष्ट्र
में
सरकार
बनने
की
प्रक्रिया
शुरू
हो
गई
है
और
जल्दी
ही
राज्य
में
नई
सरकार
बने
जाएगी।
पवार
ने
कहा
है
कि
नई
सरकार
पांच
साल
तक
चलेगी,
ऐसे
में
मध्यावधि
चुनाव
को
लेकर
की
जा
रही
बातों
का
कोई
मतलब
नहीं
है।
शरद
पवार
ने
कहा
कि
हमने
राज्यपाल
से
मुलाकात
के
लिए
शनिवार
दोपहर
3
बजे
का
वक्त
मांगा
है।
जिसके
बाद
आगे
की
प्रक्रिया
की
जाएगी।
मध्यावधि
चुनाव
की
गुंजाइश
नहीं
शरद
पवार
ने
कहा,
शिवसेना,
एनसीपी
और
कांग्रेस
की
बैठक
में
न्यूनतम
साझा
कार्यक्रम
(सीएमपी)
की
रूपरेखा
तय
हो
चुकी
है,जिसके
आधार
पर
महाराष्ट्र
में
गठबंधन
सरकार
चलाई
जाएगी
और
ये
सरकार
पांच
साल
पूरे
करेगी।
शरद
पवार
ने
कहा
कि
सभी
पार्टियां
स्थिर
सरकार
चाहती
हैं,
जिनका
मकसद
विकास
करना
होगा।
मध्यावधि
चुनाव
की
कोई
गुंजाइश
नहीं
है।
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