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रहस्‍यमयी ढंग से लोनार झील का पानी हुआ लाल, वैज्ञानिक अचंभित, जानें इस पौराणिक अद्भुद झील के कई रहस्‍य

रहस्‍यमयी ढंग से लोनार झील का पानी हुआ लाल, वैज्ञानिक अचंभित, जानें इस पौराणिक अद्भुद झील के कई रहस्‍य

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मुंबई। लॉकडाउन में मानव गति‍विधियां ठप्‍प होने के कारण पिछले दिनों हम सबने प्रकृति के अद्भुत नजारें देखें। नदियों का प्रदूषण कम हो गया तो हवा भी सांस लेने के लिए बेहतर हो गई। वहीं महाराष्‍ट्र में एक आश्‍चर्य में डाल देने वाला रहस्‍यमय नजारा देखने को मिल रहा हैं, हालांकि इससे लॉकडाउन या अनलॉक से कोई लेना देना नहीं हैं। ये आश्‍चर्यचकित कर देने वाला रहस्‍यमय नजारा महाराष्‍ट्र के बुलढाना में प्रसिद्ध लोनार झील में देखने को मिल रहा हैं। महाराष्ट्र की प्रसिद्ध लोनार झील के पानी का रंग रहस्यमय ढंग से लाल हो गया है।

रहस्‍यमयी ढंग से अचानक लाल हो गया लोनार झील का पानी

रहस्‍यमयी ढंग से अचानक लाल हो गया लोनार झील का पानी

महाराष्ट्र के बुलढाना जिले की इस प्रसिद्ध झील के पानी का रंग अचानक लाल होने के जहां वैज्ञानिक भी इसे देखकर हैरान हैं वहीं दूर-दूर से लोग इस झील को देखने के लिए पहुंच रहे हैं। वैज्ञानिकों ने पहली बार ऐसे बदलाव को देखा हैं। लोनार झील के पानी का रंग लाल होने के बाद बड़ी तादाद में लोग झील देखने आ रहे हैं। कुछ लोग तो इसे चमत्कार मान रहे हैं तो इसके रंग बदलने को लेकर कई अफवाह भी फैलने लगी है।

जांच के लिए भेजा गया सैंपल

जांच के लिए भेजा गया सैंपल

झील के पानी का रंग लाल होने का रहस्‍यमय दृध्‍य पिछले 2-3 दिन से देखने को मिल रहा हैं। जिला तहसीलदार ने बताया कि लोनार झील का पानी लाल रंग में बदल गया है इसकी जानकारी वन विभाग को दी गई वो पानी के सैंपल लेकर जांच कर कारण पता लगा रहे हैं।

वैज्ञानिकों ने रंग बदलने का बता रहे ये कारण

वैज्ञानिकों ने रंग बदलने का बता रहे ये कारण

झील के पानी का रंग अचानक बदलने पर वैज्ञानिकों का कहना है कि लोनार झील में हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना नाम के कवक (फंगस) की वजह से पानी का रंग लाल हुआ है। निसर्ग तूफ़ान की वजह से बारिश हुई जिस कारण हैलोबैक्टीरिया और ड्यूनोनिला सलीना कवक झील की तलहट में बैठ गए और पानी का रंग लाल हो गया। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना यह भी है कि लोनार झील का पानी लाल होने के पीछे और भी कई कारण हो सकते हैं। जिसकी जांच अभी की जा रही है।

 लोनार झील बेहद रहस्यमयी है, नासा भी कर रहा इस झील पर रिसर्च

लोनार झील बेहद रहस्यमयी है, नासा भी कर रहा इस झील पर रिसर्च

गौरतलब हैं कि जिस लोनार झील के पानी का रंग लाल दिखाई दे रहा हैं वो लोनार झील बेहद रहस्यमयी है। नासा से लेकर दुनिया भर की तमाम एजेंसियां इस झील के रहस्यों को जानने में बरसों से जुटी हुई है। नासा के वैज्ञानिकों ने कुछ साल पहले इस झील को बेसाल्टिक चट्टानों से बनी झील बताया था। नासा के वैज्ञानिकों ने यह भी बताया था कि इस तरह की झील मंगल की सतह पर पाई जाती है क्योंकि इसके पानी के रासायनिक गुण भी वहां की झीलों के रासायनिक गुणों से मेल खाते हैं।

उल्‍का पिंड के पृथ्‍वी से टकराने के बाद ये झील बनी

उल्‍का पिंड के पृथ्‍वी से टकराने के बाद ये झील बनी

इस झील का आकार बिलकुल गोल हैं। लोनार झील का औसत व्यास 1.2 किलोमीटर है और यह क्रेटर रिम से लगभग 137 मीटर नीचे है। बताया जाता हैं कि 52,000 साल पहले ये झील आस्तित्‍व में आई। पृथ्वी से जब दो मिलियन टन वजन के उल्का ने 90,000 किमी प्रति घंटे की गति से टकराया था तब ये झील बनी। वैज्ञानिकों का मानना है कि उल्का पिंड के पृथ्वी से टकराने के कारण यह झील बनी थी, लेकिन उल्का पिंड कहां गया इसके बारे में कोई भी साक्ष्‍य नहीं हैं। सत्तर के दशक में कुछ वैज्ञानिकों ने लोनार झील के वजूद में आने को लेकर कहा था कि ये झील ज्वालामुखी के मुंह के कारण बनी होगी। लेकिन बाद में यह सही साबित नहीं हो पाया क्योंकि वैज्ञानिकों ने तथ्‍य दिया कि यदि झील ज्वालामुखी से बनी होती, तो 150 मीटर गहरी नहीं होती।

लोनार झील का जिक्र पौराणिक ग्रन्‍थों में भी है

लोनार झील का जिक्र पौराणिक ग्रन्‍थों में भी है

इस झील को लेकर कई पौराणिक ग्रंथों में भी जिक्र मिलता है। जानकारों के अनुसार झील का जिक्र ऋग्वेद और स्कंद पुराण में भी मिलता है। इसके अलावा पद्म पुराण और आईन-ए-अकबरी में भी इसका वर्णन है। लोनार झील की एक ख़ास बात यह भी है कि यहां कई प्राचीन मंदिरों के भी अवशेष हैं। इनमें दैत्यासुदन मंदिर भी शामिल है। यह भगवान विष्णु, दुर्गा, सूर्य और नरसिम्हा को समर्पित है। इनकी बनावट खजुराहो के मंदिरों जैसी है।

इस झील से जुड़ी बेहद रोचक बात

इस झील से जुड़ी बेहद रोचक बात

लोनार झील पर वैज्ञानिकों ने शोध के बाद बताया कि यह झील लगभग 5 लाख 70 हजार साल पुरानी झील है। यानी कि यह झील रामायण और महाभारत काल में भी मौजूद थी। लोनार झील का पानी खारा है। इस झील के आस-पास के ग्रामीण बताते हैं कि 2006 में यह झील सूख गई थी उस समय पूरी झील में नमक दिखाई देता थाफ साथ ही अन्य खनिजों के छोटे-बड़े चमकते हुए टुकड़े देखे। लेकिन कुछ ही समय बाद यहां बारिश हुई और झील फिर से भर गई।

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English summary
Maharashtra:Lonar lake water becomes red,Scientists are astonished, learn the many secrets of this legendary lake
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