महाराष्ट्र संकट: डेढ़ साल पहले SC में कर्नाटक मामले में भी बनी थी ऐसी ही परिस्थिति, जानिए क्या हुआ था?
नई दिल्ली- सुप्रीम कोर्ट में देवेंद्र फडणवीस सरकार के खिलाफ शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी की याचिका पर रविवार को सुनवाई हो रही है। यह मामला जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस एनवी रमना और जस्टिस संजीव खन्ना की अदालत में ये मामला सुना जा रहा है। मई, 2018 में कर्नाटक में येदियुरप्पा सरकार को लेकर भी ऐसी ही स्थिति बनी थी। जब, सुप्रीम कोर्ट आधी रात में कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई करने के लिए बैठा था। दिलचस्प बात ये है कि उस बेंच में भी जस्टिस अशोक भूषण शामिल थे।
शिवसेना,कांग्रेस और एनसीपी ने महाराष्ट्र के गवर्नर की ओर से देवेंद्र फडणवीस को सीएम पद की शपथ दिलाने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है। मई, 2018 में जब कर्नाटक के गवर्नर ने येदियुरप्पा को सरकार बनाने का निमंत्रण दे दिया था, तब कांग्रेस देर रात उसके खिलाफ सर्वोच्च अदालत पहुंच गई थी। तब कोर्ट ने गवर्नर की ओर से उन्हें शपथग्रहण के लिए दिए गए आमंत्रण पर तो रोक लगाने से इनकार कर दिया था। लेकिन, विधानसभा पटल पर फ्लोर टेस्ट की मियाद गवर्नर की ओर से दी गई मियाद से घटनाकर कम कर दी गई थी।
अभी ये चर्चा है कि फडणवीस को 30 नवंबर तक बहुमत साबित करना है। ऐसमें देखने वाली बात ये है कि महाराष्ट्र के गवर्नर भगत सिंह कोश्यारी के मामले में जस्टिस भूषण समेत तीनों काबिल जजों की अदालत क्या फैसला सुनाती है।
इसे भी पढ़ें- एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा- महाराष्ट्र में एनसीपी,कांग्रेस और शिवसेना बनाएगी सरकार