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महाराष्‍ट्र में भाजपा सरकार बनने की अभी भी जिंदा हैं उम्मीद!

महाराष्‍ट्र में कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना गठबंधन सरकार बनाने की ओर बढ़ रही हैं। लेकिन भाजपा महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने की उम्मीद अभी भी बरकरार हैं।

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बेंगलुरु। महाराष्‍ट्र में किसी भी पार्टी के सरकार न बना पाने की स्थिति में राष्‍ट्रपति शासन लगाया जा चुका हैं। राष्‍ट्रपति शासन लागू होने के बाद कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की ओर से सरकार बनाने की कोशिश जारी है। लेकिन इन तीनों पार्टियों के गठबंधन की कोशिशों के बावजूद अभी भी महाराष्‍ट्र में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने की उम्मीद जिंदा हैं।

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भाजपा को यह अच्‍छे से पता हैं कि शिवसेना एनसीपीऔर कांग्रेस का गठबंधन शर्तों के कारण कभी भी गेम पलट सकता हैं। इसलिए शिवसेना से गठबंधन टूटने के बाद भाजपा दूसरे विकल्‍प खुले रखे हैं। आइए जानते हैं कैसे और क्यों भाजपा ने अभी भी अपनी सरकार बनने की उम्मीदें कायम रखी हैं?

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बता दें महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना ने भारतीय जनता पार्टी के सामने 50-50 का फॉर्मूला रखते हुए ढाई साल के सीएम की मांग की थी। लेकिन शिवसेना की इस मांग को बीजेपी ने मानने से इनकार कर दिया, जिसके बाद शिवसेना अब एनसीपी-कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार बनाने की तैयारियों में जुटी है।

शिवसेना से गठबंधन टूटने के बावजूद भाजपा ने सरकार बनाने की उम्मीद बरकरार रखी हैं। भाजपा महाराष्‍ट्र में विधानसभा में विजयी हुए विधायकों और पार्टी के बड़े नेताओं के साथ लगातार बैठक कर रही हैं।

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सूत्रों के मुताबिक पार्टी के नेता नारायण राणे सरकार गठन के लिए बहुमत हासिल करने की मुहिम में जुट गए हैं। पार्टी ने साफ किया है कि वह राज्यपाल के पास तभी जाएगी, जब उसके पास 145 की संख्या होगी। बता दें नारायण राणे जो महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री भी रह चुके हैं वह कुछ समय पहले ही भाजपा में आए हैं।

शिवसेना से भाजपा का गठबंधन टूटने के बाद भाजपा के लिए बहुमत जुटाने के लिए नए सिरे से मुहिम में शुरु कर जुट चुके हैं। राणे भाजपा-शिवसेना की पहली सरकार में मुख्यमंत्री थे। बाद में उन्होंने कांग्रेस का हाथ थाम लिया था।

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इस कारण उनके शिवसेना और कांग्रेस दोनों में कई नेताओं से अच्छे संबंध हैं। माना जा रहा है कि राज्य में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने के लिए हो रही कोशिशों के बीच राणे उन विधायकों का मन जान सकते हैं, जो स्थायी सरकार के लिए भाजपा के साथ आने के पक्ष में हैं।

दरअसल, शिवसेना से गठबंधन टूटने के तुरंत बाद से ही नारायण राणे ने मोर्चा संभाल लिया था। पहले भी उन्होंने कहा कि सरकार हम ही बनाएंगे और जब भी राज्यपाल के पास जाएंगे 145 के आंकड़े के साथ ही जाएंगे। महाराष्ट्र के पूर्व सीएम ने कहा कि बीजेपी की सरकार बनाने के लिए मैं पूरी कोशिश करूंगा। सरकार बनाने के लिए जो करना होगा वो करेंगे। इतना ही नहीं उन्होंने शिवसेना पर भी जमकर हमला बोला था।

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नारायण राणे ने कहा था शिवसेना ने गठबंधन धर्म नहीं निभाया। उसे बेवकूफ बनाया जा रहा है। बीजेपी नेता ने कहा कि साम, दंड, भेद शिवसेना ने ही सिखाया है। हालांकि बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुधीर मुनगंटीवार ने नारायण राणे के बयान को उनकी व्यक्तिगत राय करार दिया था। मुनगंटीवार ने स्पष्ट किया कि सरकार के गठन की जिम्मेदारी दिए जाने के संबंध में नारायण राणे का बयान उनकी व्यक्तिगत राय है।

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आशीष शेल्लार का बयान जय श्री राम, हो गया काम

गुरुवार को भाजपा की कोर कमेटी की बैठक हुई। इस बैठक में हिस्‍सा लेकर के बाद बाहर निकलकर भाजपा नेता आशीष शेल्लार ने मीडिया से कहा जय श्री राम, हो गया काम। इस बैठक में पूर्व मुख्‍यमंत्री देवेन्‍द्र फडणवीस के अलावा प्रदेश अध्‍यक्ष चंद्रकांत पाटिल, आशीष शेल्‍लार, पंकजा मुंडे, गिरीश महाजन समेत पार्टी के कई नेता शामिल रहे। बैठक के बाद सभी नेताओं के चेहरे खिले हुए थे। आशीष शेल्‍लार के बयान के बाद अब यह अटकलें और तेज हो गयी हैं कि क्या भाजपा को महाराष्‍ट्र में सरकार बनाने के लिए जादुई नंबर की आवश्‍यकता थी, वह मिल गयी हैं क्या भाजपा सरकार बनाने की ओर कदम बढ़ा रही हैं ?

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नितिन गडकरी ने दिया ये बड़ा बयान

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने महाराष्ट्र में सियासी उठापटक को लेकर बड़ा बयान दिया है। नितिन गडकरी ने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कुछ भी संभव है। कब गेम पलट जाए कुछ पता नहीं चलता है। उन्होंने कहा कि क्रिकेट और राजनीति में कभी आपको लगता है कि आप मैच हार रहे हैं, लेकिन परिणाम एकदम उल्टा आता है। भाजपा के प्रभावशाली नेता नितिन गडकरी का बयान ऐसे ही कुछ संकेत दिया जिससे साफ हैं कि महाराष्‍ट्र में अभी भी भाजपा की सरकार बनने की उम्मीद जिंदा है।

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शिवसेना, एनसीपी, कांग्रेस गठबंधन सरकार में भी फंस सकता है पेंच

बता दें कि महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के तीन हफ्ते गुजर जाने के बाद भी सरकार नहीं बन पाई है। राज्य में लगे राष्ट्रपति शासन के बीच कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना की ओर से सरकार बनाने की कोशिश जारी हैं। उनके बीच कॉमन मिनिमम प्रोग्राम पर सहमति बन गई है। अब खबर आ रही है कि एनसीपी शिवसेना के साथ सरकार बनाने को इच्छुक है लेकिन ढाई साल के लिए वह अपना सीएम चाहती है।

जबकि कांग्रेस भी तीनों दलों के बीच बराबर-बराबर मंत्री पद की मांग कर रही है। याद रहें शिवसेना ने भाजपा के सामने यही शर्त रखी थी जिस पर समझौता नहीं हो सका था और बीजेपी-शिवसेना के रास्ते अलग हो गए थे। ऐसे में एनसीपी की ढाई साल के सीएम की मांग पर फिलहाल पेंच फंसता दिखाई दे रहा है। हालांकि, शरद पवार की पार्टी शिवसेना की 5 साल के मुख्यमंत्री की मांग पर कोई स्‍पष्‍ठ पुष्टि नहीं हुई हैं।

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भाजपा को है सही मौके का इंतजार

याद रहें महाराष्ट्र में भाजपा की रणनीति इंतजार करो की रही है और वह फिलहाल सरकार बनाने को लेकर कोई पहल भी नहीं करेगी। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस सरकार बनाने के लिए तैयार होती हैं तो ठीक है। लेकिन भाजपा को नहीं लगता कि तीनों परस्पर विरोधी विचारधारा वाले दल जल्द किसी समझौते पर पहुंच पाएंगे।

अगर, सरकार बनने में देरी हुई और ऐसा लगा कि राज्य में फिर चुनाव हो सकते हैं तो इन दलों के कई विधायक भाजपा के करीब भी आ सकते हैं। भाजपा भी ऐसे मौके को हाथ से नहीं जाने देगी।

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English summary
In Maharashtra, Congress, NCP and Shiv Sena are moving towards forming coalition government. But the BJP still hopes to form a government in Maharashtra. The BJP has been meeting continuously, Narayan Rane has been campaigning to get a majority to form the gov.
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