कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले पर महाराष्ट्र सरकार में कलह, जांच के लिए SIT बनाने पर विचार
मुंबई। महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख के विरोध के बाद भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे द्वारा कोरेगांव-भीमा हिंसा मामले की जांच राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपे जाने के बाद सरकार के अंदर ही कलह शुरू हो गया है। शनिवार को गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि, सरकार राज्य सरकार द्वारा गठित एसआईटी से इस मामले की जांच कराएगी।
शनिवार को मीडिया से बात करते हुए गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि, अगर वह (महाधिवक्ता) कानूनी राय देते हैं कि जांच एक साथ जारी रह सकती है तो महाराष्ट्र सरकार जांच जारी रखने के लिए एक एसआईटी बनाएगी। यहां तक कि अगर मामला राज्य द्वारा एनआईए को हस्तांतरित किया जाता है। मैंने महाधिवक्ता को एक नोट भेजा है ताकि सुझाव दें कि राज्य भी एसआईटी बना सकता है और जांच जारी रख सकता है।
वहीं फोन टेपिंग मामले पर बोलते हुए अनिल देशमुख ने कहा कि, विधान सभा चुनाव के बाद, मुझे शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के नेताओं से फोन टैपिंग की शिकायतें मिली थीं। हमने 2 वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक समिति बनाई, वे इस मामले की जांच करेंगे और सरकार को रिपोर्ट सौंपेंगे, हम कार्रवाई करेंगे। हमने उन्हें आश्वासन दिया है।
देशमुख ने कहा कि, सरकार द्वारा फोन टेपिंग की मामले की जांच के आदेश देने के बाद जलगांव के एक सीनियर बीजेपी नेता के कार्यकर्ता हमारे पास आए थे। उन्होंने भी फोन टेपिंग की शिकायत दर्ज करायी है। उनकी ओर से दिए पत्र में कहा गया है कि, आप केवल शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी नेताओं के कॉल टैपिंग की जाँच कर रहे हैं, लेकिन हमारे नेताओं और कार्यकर्ताओं के फोन भी टैप किए गए थे, वह भी जाँच करें।
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