महाराष्ट्र: मराठा आरक्षण के लिए अध्यादेश को राज्यपाल से मिली मंजूरी
नई दिल्ली। महाराष्ट्र के गवर्नर सी विद्यासागर राव ने आज पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में मराठा छात्रों को आरक्षण देने के लिए सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) आरक्षण अधिनियम, 2018 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश पर हस्ताक्षर कर दिए हैं। इसी के साथ आज से यह लागू भी हो गया है। बता दें कि इससे पहले महाराष्ट्र मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को आरक्षण अधिनियम, 2018 में संशोधन करने के लिए अध्यादेश का मंजूरी दी थी।
जिसके बाद आज इस अध्यादेश का राज्यपाल की ओर से हरी झंडी मिल गई है। अध्यादेश को राज्यपाल की ओर से मंजूरी मिलने के बाद अब अब शैक्षिक वर्ष 2019 - 20 से एसईबीसी वर्गों से संबंधित उम्मीदवारों को इसका लाभ मिलेगा साथ ही NEET या किसी अन्य राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा में उत्तीर्ण होने की आवश्यकता वाले अंडर-ग्रेजुएट पाठ्यक्रम शामिल हैं।
बता दें कि बंबई उच्च न्यायालट की नागपुर पीठ ने पोस्ट ग्रेजुएट मेडिकल पाठ्यक्रमों में मराठा समुदाय के लिए 16 प्रतिशत आरक्षण इस पर आधार पर नामंजूर कर दिया था कि प्रवेश प्रक्रिया बहुत पहले शुरू हो चुकी है। इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने हाई कोर्ट के फैसले को बरकरार रखा था। विधेयक को कैबिनेट से मंजूरी दिए जाने के बाद महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा कि अध्यादेश का मसौदा राज्यपाल को भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश से उन छात्रों को राहत मिलेगी जो मराठा आरक्षण के तहत दाखिला चे चुका है।
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