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अस्पताल से घर पहुंची लाश तो खुला चौंकाने वाला राज, पैरों तले खिसकी जमीन

महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हक्के-बक्के रह जाएंगे।

By Dharmender Kumar
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नई दिल्ली। सरकारी और प्राइवेट अस्पताल में मरीजों के साथ लापरवाही के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं। कभी इलाज के दौरान मरीज के पेट में ऑपरेशन के औजार छूटने तो कभी किसी मरीज को गलत दवाई देने की खबरें अस्पतालों की लापरवाही से पर्दा उठाती ही रहती हैं। अब महाराष्ट्र के एक सरकारी अस्पताल में लापरवाही का ऐसा मामला सामने आया है, जिसे सुनकर आप भी हक्के-बक्के रह जाएंगे। यहां एक मरीज के परिजनों को अस्पताल ने उसका शव सौंप दिया, जबकि मरीज अस्पताल के अंदर अपना इलाज करा रहा था।

अस्पताल ने किया फोन, आपका मरीज मर गया है

अस्पताल ने किया फोन, आपका मरीज मर गया है

दरअसल, महाराष्ट्र के सांगली इलाके में स्थित सिविल अस्पताल में लिवर की बीमारी का इलाज कराने आए 50 वर्षीय अविनाश दादासाहेब बागवाडे के परिजनों को अस्पताल प्रशासन ने फोन करके सूचना दी कि उनके मरीज की मौत हो गई और वो आकर उसका शव ले जाएं। सूचना पाकर बागवाडे के परिजन रोते-बिलखते अस्पताल पहुंचे और शव लेकर अपने घर आ गए। घर आकर जब परिजनों ने देखा कि जिस शव को वो लेकर आए हैं, वह बागवाडे का नहीं है तो परिवार में हड़कंप मच गया।

अस्पताल में जिंदा मिले बागवाडे

अस्पताल में जिंदा मिले बागवाडे

आनन-फानन में परिजन फिर से अस्पताल पहुंचे और देखा कि बागवाडे जीवित हैं और अपने वार्ड में इलाज करा रहे हैं। इसके बाद परिजनों ने अस्पताल में हंगामा शुरू कर दिया। शोर सुनकर मौके पर पहुंचे अस्पताल के अधिकारियों ने जब पूरा मामले की जानकारी ली तो वो भी चौंक गए। अस्पताल के मेडिकल सुपरिटेंडेंट डॉ. सुबोध उगाने ने इस पूरे मामले की जांच के लिए एक कमेटी का गठन किया और कहा कि 48 घंटे के अंदर जांच कराकर दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी। इस पूरे मामले में चौंकाने वाला तथ्य यह है कि पोस्टमार्टम के बाद जिस शख्स का शव बागवाडे के परिजनों को सौंपा गया था, उसकी पहचान अभी तक नहीं हो पाई है।

ऐसे खुली लाश की असलियत

ऐसे खुली लाश की असलियत

परिजनों ने बताया कि बागवाडे लिवर की बीमारी का इलाज कराने के लिए सांगली के सिविल अस्पताल में भर्ती हुए थे। मंगलवार को उन्हें अस्पताल से फोन आया कि बागवाडे की मौत हो गई है और वो आकर उनका शव ले जाएं। हालांकि बागवाडे के एक रिश्तेदार को अस्पताल में ही शक हुआ कि यह शव उनका नहीं है, जिसे लेकर उन्होंने कर्मचारियों से बात भी की, लेकिन कर्मचारियों ने उनकी बात को अनसुना करते हुए कहा कि शव लेकर जल्दी से जगह खाली करें। इसके बाद जब परिजन शव लेकर घर पहुंचे तो बाकी सगे-संबंधियों को भी शक हुआ और लाश के मुंह से कपड़ा हटाकर देखा गया तो असलियत खुल गई।

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English summary
Maharashtra: Govt Hospital Official Gave Dead Body to Family, Later He Was Found Alive.
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