क्विक अलर्ट के लिए
नोटिफिकेशन ऑन करें  
For Daily Alerts
Oneindia App Download

महाराष्ट्र: रात साढ़े बारह बजे अजित-देवेंद्र की एक मुलाकात से ऐसे बदला सबकुछ

महाराष्ट्र: रात साढ़े बारह बजे की एक मुलाकात से बदला सबकुछ

Google Oneindia News

नई दिल्ली। महाराष्ट्र की सियासत में शनिवार सुबह नाटकीय घटनाक्रम देखने को मिला। भाजपा के देवेंद्र फडणवीस ने सीएम और एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली। अजित पवार ने एनसीपी के विधायकों का समर्थन होने की बात कही लेकिन पार्टी प्रमुख शरद पवार ने इसको पूरी तरह खारिज कर उनको पार्टी से निकालने तक की बात कह दी है। शनिवार सुबह क्या होने वाला है, इसकी ना मीडिया को भनक लगी ना ज्यादातर नेताओं को। आखिर कैसे हुआ ये सब-

रात 12:30 पर राज्यपाल से मुलाकात

रात 12:30 पर राज्यपाल से मुलाकात

शनिवार शाम तक कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना में सरकार बनाने की बातचीत चल रही थी। उद्धव ठाकरे का नाम सीएम पद के लिए चल रहा था। सुबह एकदम ही पासा पलट गया। जानकारी के मुताबिक, शनिवार शाम तक कांग्रेस और शिवसेना के नेताओं के साथ दिख रहे अजित पवार रात में फडणवीस से मिले। इसके बाद देवेंद्र फडणवीस के अजित पवार रात करीब साढ़े बारह बजे राजभवन पहुंचे और राज्यपाल से मिलकर सरकार बनाने का दावा पेश किया।

अजित पवार के खिलाफ कार्रवाई होगी, चुनेंगे विधायक दल का नया नेता: शरद पवारअजित पवार के खिलाफ कार्रवाई होगी, चुनेंगे विधायक दल का नया नेता: शरद पवार

Recommended Video

Maharastra: Anand Mahindra ने Video शेयर कर बताया कैसे हुआ उलटफेर। वनइंडिया हिंदी
 अजित पवार ने दी समर्थन की चिट्ठी, फिर तय हुआ शपथ का वक्त

अजित पवार ने दी समर्थन की चिट्ठी, फिर तय हुआ शपथ का वक्त

अजित पवार ने एनसीपी विधायकों के समर्थन की चिट्ठी रात में ही राज्यपाल को सौंपी। जिसके बाद राज्यपाल ने केंद्र से राष्ट्रपति शासन हटाने की सिफारिश कर दी। रात में ही तय हुआ कि सुबह साढ़े सात बजे शपथ ग्रहण होगा। इसके बाद सुबह शपथ ग्रहण हुआ। शपथ की तस्वीरें सामने आने के बाद मीडिया और दूसरे दलों को पता चला। यहां तक कि एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने भी साप कह दिया कि उनको ही इसकी जानकारी नहीं थी। एनसीपी ने अजित पर उस चिट्ठी को भी गलत तरह से इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है, जो उन्होंने समर्थन पत्र के तौर पर राज्यपाल को दी।

 चुनाव में एक दल को नहीं मिला था बहुमत, लगा था राष्ट्रपति शासन

चुनाव में एक दल को नहीं मिला था बहुमत, लगा था राष्ट्रपति शासन

महाराष्ट्र की 288 विधानसभा सीटों पर हुए चुनाव के नतीजे 24 अक्टूबर को आए थे। जिसमें बीजेपी के 105 और शिवसेना के 56 विधायक जीते हैं। कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटों पर जीत मिली। बहुमत के लिए यहां 145 सीटों की जरूरत है, ऐसे में साफ है कि कोई एक पार्टी अपने दम पर सरकार नहीं बना सकी। भाजपा-शिवसेना ने मिलकर चुनाव लड़ा था और दोनों दलों की सीटें भी बहुमत के आंकड़े से ज्यादा हैं लेकिन नतीजे आने के बाद शिवसेना ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर अड़ी गई, वहीं भाजपा इस पर तैयार नहीं हुई। इसी को लेकर नई सरकार का रास्ता साफ नहीं हो पाया। महाराष्ट्र में 12 दिसंबर को राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। इसके बाद एनसीपी, शिवसेना और कांग्रेस के बीच सरकार बनाने को बातचीत चल रही थी। इसी बीच शनिवार सुबह अचानक ही अजित पवार ने समर्थन की बात कही और देवेंद्र फडणवीस ने सीएम पद की शपथ ले ली।

संजय निरूपम ने पवार की मोदी से मुलाकात पर उठाए सवाल?संजय निरूपम ने पवार की मोदी से मुलाकात पर उठाए सवाल?

Comments
English summary
maharashtra govt formation devendra fadnawis ajit pawar
देश-दुनिया की ताज़ा ख़बरों से अपडेट रहने के लिए Oneindia Hindi के फेसबुक पेज को लाइक करें
For Daily Alerts
तुरंत पाएं न्यूज अपडेट
Enable
x
Notification Settings X
Time Settings
Done
Clear Notification X
Do you want to clear all the notifications from your inbox?
Settings X
X