महाराष्ट्र में केस की जांच से पहले CBI को लेनी होगी अनुमति, ऐसा करने वाला चौथा राज्य बना
नई दिल्ली। उद्धव ठाकरे सरकार ने बुधवार को महाराष्ट्र में किसी भी मामले में सीबीआई जांच पर रोक लगा दी है। यानी, अब महाराष्ट्र में हर केस की जांच सीबीआई को करने से पहले उसे राज्य सरकार से इजाजत लेनी होगी। सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा है कि राज्य में जांच करने के लिए सीबीआई को दी गई अनुमति वापस ली जाती है।
सरकार की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि, सीबीआई महाराष्ट्र में किसी नए मामले में जांच पड़ताल करना चाहती है, तो उसे राज्य सरकार से इजाजत लेने की जरूरत होगी, जब तक कि अदालत की तरफ से जांच के आदेश नहीं दिए गए हों। इससे पहले राजस्थान, छत्तीसगढ़ और पश्चिम बंगाल जैसे गैर बीजेपी शासित राज्य ऐसा निर्णय ले चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि महाराष्ट्र सरकार का ये निर्णय सुशांत सिंह राजपूत केस के लिए प्रभावी नहीं होगा।
दरअसल बुधवार को महाराष्ट्र सरकार का ये निर्णय यूपी पुलिस द्वारा टीआरपी स्कैम केस में एफआईआर दर्ज किए जाने के एक दिन बाद लिया गया है। यूपी सरकार ने इस केस को सीबीआई को हैंडोवर कर दिया है। सीबीआई ने उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा मामला दर्ज किए जाने के आधार पर मंगलवार को एफआईआर दर्ज की थी। एक विज्ञापन कंपनी के प्रमोटर की शिकायत पर लखनऊ के हजरतगंज पुलिस स्टेशन में मामला दर्ज करवाया गया था।
जिसे बाद में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा सीबीआई को सौंप दिया गया था। यह मामला टीआरपी में हेरफेर से संबंधित है।टीआरपी का यह कथित घोटाला तब सामने आया था जब रेटिंग एजेंसी ब्रॉडकास्ट ऑडियंस रिसर्च काउंसिल (बार्क) ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि कुछ चैनल विज्ञापनदाताओं को लुभाने के लिए टीआरपी नंबरों में धांधली कर रहे हैं।
कृषि कानून: केजरीवाल ने अमरिंदर सिंह से पूछा- क्या राज्य केंद्र के कानूनों को बदल सकता है?