महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में बजेगा राष्ट्रगान, नहीं होगा कोई बदलाव: राज्य सरकार
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रंजीत पाटिल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान बजाने को भले ही ऑप्शनल कर दिया हो लेकिन महाराष्ट्र के सिनमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा।
नई दिल्ली। सिनेमाघरों में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने के अपने पूर्ववर्ती फैसले में सुप्रीम कोर्ट ने बदलाव कर दिया है। अब सिनेमाघर में फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाना जरूरी नहीं होगा। इसी बीच खबर है कि महाराष्ट्र के सिनेमाघरों में पहले की तरह ही फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा। महाराष्ट्र सरकार ने कहा है कि मुंबई और महाराष्ट्र के सभी सिनेमाघरों फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा इसमे किसी तरह का बदलाव नहीं होगा। इससे पहले नवंबर 2016 में सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में राष्ट्रगान बजाना और खड़े होना अनिवार्य कर दिया था।
महाराष्ट्र के सिनमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा
महाराष्ट्र सरकार में मंत्री रंजीत पाटिल ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान बजाने को भले ही ऑप्शनल कर दिया हो लेकिन महाराष्ट्र के सिनमाघरों में फिल्म से पहले राष्ट्रगान बजाया जाएगा। इसमें किसी का बदलाव करने का कोई मतलब नहीं है। आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने 2003 में ही सिनेमाघरों ने राष्ट्रगान बजाना जरूरी कर दिया था।
फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने में कोई आपत्ति नहीं है
महाराष्ट्र के सिनेमाघरों के मालिकों ने भी कहा है उन्हें फिल्म शुरू होने से पहले राष्ट्रगान बजाने में कोई आपत्ति नहीं है। हमें अपने राष्ट्रगान का सम्मान करना चाहिए। सिनेमा ओनेर्स एंड एग्जिबिर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष दीपक कुडाले ने कहा कि हम राष्ट्रगान बजाने का सिललिसा जारी रखेंगे इसमें किसी तरह का बदलाव करने का कोई तुक नहीं है।
सुप्रीम कोर्ट ने राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है
आपको बता दें कि अपने ही आदेश को पलटते हुए सुप्रीम कोर्ट ने सिनेमाघरों में फिल्म दिखाए जाने से पहले राष्ट्रगान बजाने की अनिवार्यता को खत्म कर दिया है। अब सिनेमाघर संचालकों के ऊपर निर्भर करता है कि वह राष्ट्रगान बजाना चाहते हैं या नहीं। इस मुद्दे पर केंद्र सरकार का रुख बदलने के बाद माना जा रहा था कि कोर्ट भी अपना फैसला पलट सकता है। केंद्र सरकार ने सोमवार को कोर्ट से कहा था कि अदालत को अपने आदेश में बदलाव करना चाहिए। केंद्र ने कोर्ट में हलफनामा दायर कर कहा था कि इस मुद्दे पर इंटर मिनिस्ट्रियल कमिटी का गठन किया गया है ताकि वह नई गाइडलाइंस तैयार कर सके।
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