महाराष्ट्र में हो सकता है ढाई साल का रोटेशनल सीएम, शिवसेना को मिलेगा पहला मौका
मुंबई। महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना के नेताओं के बीच बैठकों का दौर जारी है। विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के 27 दिन बाद भी अभी तक राज्य में सरकार नहीं बन पाई है। शिवसेना के साथ जाने को लेकर एनसीपी-कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के बीच हुई बैठक के बाद काफी हद तक साफ होने लगा है कि दोनों दल उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ मिलकर सरकार बनाने को तैयार हैं। वहीं, इस गठबंधन में बनने वाली नई सरकार में मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ी खबर सामने आ रही है।
हो सकता है ढाई साल का रोटेशनल सीएम
सूत्रों के मुताबिक, महाराष्ट्र में बनने वाली नई सरकार में मुख्यमंत्री दो दलों का हो सकता है। यानी नई सरकार में ढाई-ढाई साल के लिए दो दलों का सीएम होगा। एनसीपी के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि राज्य में रोटेशनल सीएम होगा और ढाई साल के पहले कार्यकाल के दौरान शिवसेना का सीएम होगा, इसके बाद के ढाई साल एनसीपी का मुख्यमंत्री होगा।
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5 साल के पूरे समय में उपमुख्यमंत्री कांग्रेस का
सूत्रों का कहना है कि इस समझौते के तहत, 5 साल के पूरे समय में उपमुख्यमंत्री कांग्रेस का होगा। वरिष्ठ एनसीपी नेता के सूत्रों के हवाले से खबर आ रही है कि शिवसेना और बीजेपी के बीच ढाई साल के सीएम पद को लेकर विवाद था। इसलिए शिवसेना को 5 साल तक मुख्यमंत्री पद देने का सवाल ही नहीं उठता है। ढाई साल के दूसरे हाफ में एनसीपी का सीएम होगा। हालांकि, कांग्रेस के करीबी सूत्रों का कहना है कि सीएम पद को लेकर बुधवार की बैठक में कोई चर्चा नहीं हुई।
शिवसेना चाहती है 5 साल का सीएम
इस बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि राज्य में मुख्यमंत्री उनकी पार्टी का ही होगा, लेकिन शिवसेना का सीएम क्या 5 सालों के लिए होगा, इसका जवाब उन्होंने नहीं दिया। वहीं, पार्टी के करीबी सूत्रों का कहना है कि उद्धव ठाकरे 5 साल के लिए शिवसेना का सीएम चाहते हैं और वे रोटेशनल सीएम वाली शर्त के साथ तैयार नहीं हैं।
राज्य में लगा है राष्ट्रपति शासन
बता दें कि 21 अक्टूबर को हुए महाराष्ट्र चुनावों में भाजपा-शिवसेना के गठबंधन ने क्रमशः 105 और 56 सीटों पर जीत के साथ बहुमत हासिल किया था। जबकि कांग्रेस और एनसीपी ने क्रमशः 44 और 54 सीटें जीती थीं। लेकिन नतीजे आने के बाद शिवसेना ने बीजेपी के सामने 50-50 फॉर्मूला रख दिया, जिसको लेकर दोनों दलों के बीच खींचतान बढ़ने लगी। इसी के बाद से राज्य में सरकार बनाने को लेकर उठापटक जारी है। फिलहाल, महाराष्ट्र में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया है।