महाराष्ट्र: शिवसेना के सामने समर्थन के लिए NCP रख सकती है ये बड़ी शर्त
मुंबई। महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के सरकार बनाने की स्थिति में ना होने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने राष्ट्रपति शासन की सिफारिश की थी, जिसके बाद प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया। इसके कुछ देर बाद कांग्रेस और एनसीपी के दिग्गज नेताओं की बैठक हुई फिर मीडिया में आकर उन्होंने साझा बयान जारी किया। इस दौरान एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने साफ किया कि वे महाराष्ट्र में दोबारा चुनाव नहीं चाहते हैं। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अभी कोई जल्दबाजी नहीं है और सरकार बनाने को लेकर एनसीपी-कांग्रेस में सबकुछ तय होने के बाद शिवसेना से बात की जाएगी। इस बीच एक और खबर आ रही है कि एनसीपी शिवसेना के सामने मुख्यमंत्री पद को लेकर शर्त रख सकती है।
एनसीपी भी रोटेशनल सीएम चाहती है
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एनसीपी भी रोटेशनल सीएम चाहती है। एनसीपी चाहती है कि राज्य में ढाई-ढाई साल के सीएम का फॉर्मूला हो। ऐसे में एनसीपी की ये मांग शिवसेना की परेशानी बढ़ा सकती है। अगर एनसीपी अपनी मांग पर अड़ती है तो जिस 50-50 फॉर्मूले को लेकर शिवसेना ने बीजेपी से तीन दशक पुराना नाता तोड़ दिया, अब उसी पेंच में वह फंस सकती है।
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शिवसेना की बढ़ सकती है मुश्किलें
मंगलवार शाम को कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, अहमद पटेल और केसी वेणुगोपाल एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मिले पहुंचे थे। मुंबई में इन दोनों पार्टियों के बीच शिवसेना को समर्थन देने को लेकर चर्चा हुई। इस बैठक के बाद शरद पवार, अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रफुल्ल पटेल और केसी वेणुगोपाल ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की। एनसीपी नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा कि,शिवसेना ने पहली बार 11 नवंबर को अधिकृत रूप से कांग्रेस-एनसीपी से समर्थन मांगा था।
कांग्रेस-एनसीपी की फाइनल बातचीत होनी बाकी
जबकि कांग्रेस नेता अहमद पटेल ने कहा कि, जिस तरह से राष्ट्रपति शासन लागू किया गया है, उसकी मैं आलोचना करता हूं। यह लोकतंत्र और संविधान का मजाक उड़ाने की कोशिश है। कांग्रेस को सरकार बनाने का न्योता ना देना राज्यपाल की गलती है। सरकार गठन को लेकर उन्होंने कहा कि एनसीपी से बात किए बिना वे कोई निर्णय नहीं लेना चाहते थे। पटेल ने कहा कि कॉमन मिनिमन प्रोग्राम पर अभी काफी बातचीत होनी है। कांग्रेस और एनसीपी में कॉमन मिनिमम प्रोग्राम को लेकर कोई मतभेद नहीं है लेकिन शिवसेना ने हमारे साथ चुनाव नहीं लड़ा था इसलिए उनके साथ बातें तय होना बाकी है। एनसीपी से बात करने के बाद ही हम शिवसेना से बात करेंगे।