Lockdown: कोरोना का खौफ, महाराष्ट्र में 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ा
मुंबई। देश में कोरोना वायरस के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। लॉकडाउन के बावजूद इसका कहर थमता हुआ नजर नहीं आ रहा है। पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या में अबतक का सर्वाधिक इजाफा हुआ है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार पिछले 24 घंटों में सर्वाधिक 4987 कोरोना वायरस से संक्रमण के मामले सामने आए हैं, जबकि 120 लोगों की पिछले 24 घंटों में कोरोना से मौत हुई है, जिसके बाद देश में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की संख्या 90927 हो गई है, जिसमे 53946 एक्टिव मामले हैं, जबकि 34109 लोगों का इलाज करके उन्हें उनके घर भेज दिया गया है। वहीं कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों की बात करें तो अबतक कोरोना से कुल 2872 लोगों की मौत हो चुकी है।
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लॉकडाउन 3 आज खत्म हो रहा है, ऐसे में पूरे महाराष्ट्र में 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ा दिया गया है। महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा की है, बता दें कि देश में सबसे ज्यादा कोरोना के मामले महाराष्ट्र में ही है, यहां कोविड-19 के कुल 30706 पॉजिटिव केस मिल चुके हैं। इनमें से 7088 लोग पूरी तरह से स्वस्थ हो चुके हैं या उन्हें छुट्टी दे दी गई है। इस राज्य में अब तक सबसे अधिक 1135 लोगों की जान जा चुकी है।
पंजाब ने भी बढ़ाया लॉकडाउन
शनिवार को ही पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि राज्य में लागू कोविड-19 लॉकडाउन 31 मई तक जारी रहेगा, लेकिन सरकार कर्फ्यू वाली पाबंदियां हटा लेगी।
शहरी इलाकों के लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने जारी की नई गाइडलाइन
- गाइडलाइन के मुताबिक निगरानी तंत्र को कोविड-19 मरीज के संपर्क में आए लोगों का पता लगाना होगा, इसमें ढिलाई बर्दाश्त नहीं होगी।
- इसमें स्वास्थ्य केन्द्रों, दवाखानों में स्वास्थ्यकर्मियों, एएनएम (मिडवाइफ), आशा कार्यकर्ताओं, आगंनवाड़ी कार्यकर्ताओं, निगमों के स्वास्थ्यकर्मी, सफाई कर्मचारी, सामुदायिक स्वास्थ्य स्वयंसेवक और अन्य स्वयंसेवकों आदि की पहचान करना शामिल है।
- शहरी क्षेत्रों में महामारी के प्रसार को रोकने के लिए 'इंसिडेंट कमांडर' की पहचान की जाएगी।
- जिसका काम प्लानिंग, ऑपरेशन, लॉजिस्टिक और फाइनेंस टीम को संभालना होगाा कोरोना संक्रमण को फैलने से रोकने पर काम करना होगा।
- इंसिडेंट कमांडर नगर आयुक्त को रिपोर्ट करेगा।
- शहरी इलाकों में एंबुलेंस की व्यवस्था सुनिश्चित रहेगी और एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा।
- क्लिनिकल असिसमेंट और प्रभावी होम क्वारंटाइन के माध्यम से हाई रिस्क पॉपुलेशन का बचाव किया जा सकता है।
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