महाराष्ट्र के सियासी घमासान पर बोलीं ममता- रात में आजादी मिलने का सुना था, सरकार बनाने का नहीं
कोलकाता। महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घमासान पर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए कहा है कि वे लोग जो सत्ता में हैं, उन्हें यह नहीं सोचना चाहिए कि वह अपने हिसाब से संविधान को बदल सकते हैं। ममता बनर्जी ने 'महाराष्ट्र में मध्यरात्रि में सरकार का गठन' करने को लेकर भाजपा पर संविधान के सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
उन्होंने कहा कि इस मामले पर उच्चतम न्यायालय के फैसले और देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे ने दिखा दिया है कि संविधान को पलटा नहीं जा सकता है। संविधान दिवस पर पश्चिम बंगाल विधानसभा के एक विशेष सत्र को संबोधित करते हुए बनर्जी ने कहा कि जब संख्याबल नहीं था तो देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ नहीं लेनी चाहिए थी। गौरतलब है कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने फडणवीस को विधानसभा में 27 नवंबर को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था।
इसके बाद बीजेपी नेता ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। वह तीन दिन पहले ही मुख्यमंत्री बने थे। ममता बनर्जी ने कहा, 'संविधान को खत्म करने के प्रयास हो रहे हैं। हमने रात में आजादी मिलने के बारे मे सुना था लेकिन कभी भी रात में सरकार बन जाने के बारे में नहीं सुना था।' ममता बनर्जी ने कहा, 'उच्चतम न्यायालय ने संविधान को बरकरार रखा और संविधान को अंगीकार करने के 70वें साल के मौके पर यह सबसे बड़ा तोहफा दिया।'
वहीं, बाद में संवाददाताओं से बात करते हुए ममता बनर्जी ने कुछ राज्यपालों की भूमिका पर सवाल उठाया और कहा कि इस पद का 'बेहद गलत इस्तेमाल' हो रहा है। उन्होंने कहा, 'मेरे राज्य में राज्यपाल के पद का गलत इस्तेमाल हो रहा है। किसी को यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्यपाल का पद नामित होता है जबकि सरकार निर्वाचित होती है। हम किसी के रहमो-करम पर नहीं हैं।'