महाराष्ट्र कांग्रेस के नेताओं की इस 'चेतावनी' के बाद सोनिया गांधी ने की थी शरद पवार से बात
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में किसी भी पार्टी के सरकार बनाने की स्थिति में ना होने के बाद राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की सिफारिश पर राज्य में राष्ट्रपति शासन लग गया है। राज्यपाल ने बीजेपी और शिवसेना के बाद शरद पवार की पार्टी एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया था लेकिन उनकी तरफ से कांग्रेस का जवाब आने का इंतजार किया जाता रहा। वहीं, कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक में राज्य में सरकार बनाने के मुद्दे पर चर्चा हुई थी, जहां महाराष्ट्र के कांग्रेस नेताओं ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी को आगाह किया था।
महाराष्ट्र के नेताओं ने किया था आगाह
सूत्रों के हवाले के खबर सामने आ रही है कि राज्य के कांग्रेस नेताओं ने एक सुर में पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को आगाह किया था कि सरकार बनाने में नाकामी, महाराष्ट्र में कांग्रेस को खत्म कर देगी। एक अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, कांग्रेस नेता अशोक चव्हाण, पृथ्वीराज बालासाहेब थोराट, मणिकराव ठाकरे और रजनी पाटिल ने चुनावों के बाद बीजेपी-शिवसेना गठबंधन की सरकार ना बनने के बाद मिले हुए मौके को भुनाने पर जोर दिया था।
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अधिकांश विधायक बनने चाहते हैं नई सरकार का हिस्सा
टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, कांग्रेस के अधिकांश विधायकों में नई सरकार का हिस्सा बनने की 'जल्दबाजी' थी। बता दें कि सरकार गठन को लेकर जारी उठापटक के बीच कांग्रेस के 44 विधायक जयपुर के एक होटल में रुके हुए थे। वहीं, खबर आ रही है कि राष्ट्रपति शासन लगने के बाद सारे विधायक मुंबई लौट रहे हैं। हालांकि, विधायकों के सरकार में शामिल होने की 'बेचैनी' के तर्क का एआईसीसी नेताओं ने विरोध किया, जिनमें एके एंटनी, मुकुल वासनिक और पूर्व गृहमंत्री शिवराज शामिल थे।
'...तो महाराष्ट्र में खत्म हो जाएगी कांग्रेस'
अंग्रेजी अखबार के मुताबिक, इन नेताओं ने शिवसेना की कट्टर हिंदुत्व की छवि देखते हुए गठबंधन के विरोध में अपनी बात रखी थी। पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने सवाल उठाया कि 'सांप्रदायिक' शिवसेना के साथ जाने पर अल्पसंख्यकों का पार्टी को नुकसान होगा। बताया जा रहा है कि सोनिया गांधी भी शिवसेना के साथ गठबंधन के पक्ष में नहीं थी लेकिन राज्य के नेताओं द्वारा आगाह किए जाने के बाद उन्होंने शरद पवार से सरकार गठन के तौर-तरीकों पर बात की।