बेलगाम मुद्दे पर कर्नाटक-महाराष्ट्र में फिर बढ़ी तकरार, उद्धव ने कहा- सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
बेलगाम मुद्दे पर बोले उद्धव, कर्नाटक सरकार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट जाएंगे
नई दिल्ली। बेलगाम के मुद्दे लेकर कर्नाटक और महाराष्ट्र के बीच एक बार फिर तकरार दिख रही है। महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने कहा है कि कर्नाटक सरकार ने जानबूझकर बेलगाम के विवादित क्षेत्र का नाम बदल दिया है। उद्धव ने कहा, हम देख रहे हैं कि उस क्षेत्र में मराठी भाषी लोगों पर अत्याचारों हो रहे हैं। महाराष्ट्र सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हम सुप्रीम कोर्ट से दरख्वास्त करेंगे कि जब तक इस क्षेत्र को लेकर केस अदालत में है, तब तक उस हिस्से को केंद्रशासित प्रदेश घोषित कर दिया जाए।
बुधवार को कर्नाटक-महाराष्ट्र बॉर्डर विवाद पर एक किताब का विमोचन करते हुए उद्धव ठाकरे ने ये बातें कही हैं। ठाकरे ने कहा कि कोर्ट में केस के होते हुए कर्नाटक सरकार ने ना सिर्फ बेलगाम का नाम बदला बल्कि उसे दूसरी राजधानी भी घोषित कर दिया। ये कोर्ट की अवमानना है, हम इसको लेकर अदालत का रुख करेंगे। उद्धव ठाकरे के बयान पर कर्नाटक के डिप्टी सीएम अश्वत्तनारायण ने कहा कि है कि महाराष्ट्र सीएम बेवजह इसे मुद्दा बना रहे हैं। हम मराठी बोलने वालों के कल्याण के लिए (विकास) बोर्ड का गठन करने वाले एकमात्र राज्य हैं और फिर हम सभी भारतीय हैं।
इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने एक बयान में कहा था कि उनकी सरकार कर्नाटक के उन इलाकों को राज्य में शामिल करने के लिए प्रतिबद्ध है, जहां मराठी भाषी लोगों की बहुलता है। जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने बेलगाम मुद्दे को उठाने को लेकर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की निंदा की थी।
क्या है मामला?
कर्नाटक और महाराष्ट्र राज्य की सीमा पर स्थित बेलगाम पर अधिकार को लेकर दोनों राज्य लंबे समय से दावा करते रहे हैं। बेलगाम कर्नाटक और महाराष्ट्र की सीमा पर स्थित है, जहां मराठी भाषी बहुसंख्यक हैं। बेलगाम पर महाराष्ट्र अपना दावा इसी आधार पर करता रहा है कि यहां मराठी भाषी लोगों की बड़ी आबादी रहती है लेकिन यह बेलगाम जिला कर्नाटक के अंतर्गत आता है। ये विवाद दशकों पुराना है। आजादी के समय से ही ये विवाद जारी है।
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