महाराष्ट्र: मंदिरों को फिर से खोलने को लेकर BJP का आंदोलन, हिरासत में लिए गए प्रसाद लाड समेत कई कार्यकर्ता
नई दिल्ली। महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के मद्देनजर अनलॉक-5 में भी मंदिरों के कपाट बंद रखे गए हैं। हालांकि केंद्र सरकार ने पहले ही धार्मिक स्थलों को खेलने की अनुमति दे दी है। इस बात से नाराज मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के कार्यकर्ताओं ने मुंबई में राज्य की गठबंधन वाली शिवसेना नीत सरकार का जमकर विरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने 'मदिरा चालू मंदिर बंद' जैसे नारे लगाए और प्लेकार्ड्स भी दिखाए। इस बीच मुंबई में सिद्धिविनायक मंदिर के बाहर विरोध प्रदर्शन के दौरान भाजपा नेता प्रसाद लाड को अन्य पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ पुलिस ने हिरासत में ले लिया।
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मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक विरोध प्रदर्शन के दौरान वहां भारी संख्या में पुलिस बल भी मौजूद था, इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने बैरिकेडिंग तोड़कर मंदिर में घुसने का प्रयास किया। विरोध प्रदर्शन की अगुआई कर रहे भाजपा नेता प्रवीण दारेकर का कहना है कि राज्य में शराब और वाइन शॉप खोल दिए गए लेकिन उनके बारे में कौन सोचेगा जो अपनी मानसिक शांति के लिए मंदिर जाते हैं। यहां तक की होम डिलीवरी भी शुरू हो गई है लेकिन मंदिरों के कपाट अभी तक नहीं खोले गए हैं। बीजेपी नेता ने कहा, सरकार उन छोटे व्यापारियों के बारे में नहीं सोच रही है जिनकी आजीविका मंदिरों पर आश्रित है। सरकार अहंकार से भरी है।
#WATCH Maharashtra: BJP leader Prasad Lad detained along with other party workers by police during a protest outside Siddhivinayak temple in Mumbai.
BJP is organising demonstrations across the state today, demanding re-opening of all temples for devotees. pic.twitter.com/Q0U2hZm6Ie
— ANI (@ANI) October 13, 2020
बीजेपी
ने
महाराष्ट्र
पर
कसा
तंज
महाराष्ट्र
के
राज्यपाल
भगत
सिंह
कोश्यारी
ने
भी
मुख्यमंत्री
उद्धव
ठाकरे
को
पत्र
लिखा
और
मंदिरों
को
खोलने
को
कहा
है।
कोश्यारी
ने
उद्धव
ठाकरे
पर
तंज
कसा
कि
आप
अचनाक
सेक्युलर
कैसे
हो
गए?
जबकि
आप
इस
शब्द
से
नफरत
करते
थे।
कोश्यारी
की
चिट्ठी
पर
उद्धव
ने
जवाब
भी
दिया
है।
ठाकरे
ने
कहा
कि
मैं
हिंदुत्व
का
समर्थक
हूं
और
हिन्दुत्व
का
अनुपालन
करता
हूं,
इसके
लिए
मुझे
आपसे
किसी
सर्टिफिकेट
की
जरूरत
नहीं
है।
अब
महाराष्ट्र
बीजेपी
के
अध्यक्ष
चंद्रकात
पाटिल
ने
ठाकरे
पर
हमला
बोला
है
और
कहा
है
कि
क्या
राज्यपाल
देश
के
नागरिक
नहीं
हैं?
क्या
वो
हिंदू
नहीं
हैं?
उन्हें
हर
मुद्दे
पर
बोलने
का
अधिकार
है।
क्या
उन्हें
सवाल
पूछने
का
अधिकार
नहीं
है?
उन्हें
(उद्धव
ठाकरे)
मंदिर
फिर
से
खोलने
में
क्या
दिक्कत
है?
क्या
मंदिर
खोलने
पर
कांग्रेस-एनसीपी
उनसे
समर्थन
वापस
ले
लेंगी।
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