महाराष्ट्र: बीजेपी नेता एकनाथ खड़से ने की शरद पवार से मुलाकात, पार्टी में खलबली
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नई दिल्ली। महाराष्ट्र में हाल ही संपन्न हुए विधानसभा चुनावों के बाद बीजेपी की नेता पंकजा मुंडे इन दिनों पार्टी से नाराज बताईं जा रही हैं। सोमवार को पार्टी की क्षेत्रीय स्तर की बैठक में पंकजा मुंडे नहीं पहुंचीं थी। वहीं, अब एक और वरिष्ठ नेता पार्टी से नाराज बताए जा रहे हैं। राज्य नेतृत्व की आलोचना कर चुके एकनाथ खडसे ने एनसीपी प्रमुख शरद पवार से मुलाकात की है। इस मुलाकात को लेकर कयास जाने लगे हैं कि खड़से कोई बड़ा कदम उठा सकते हैं।
शरद पवार से मिले खड़से
कुछ दिनों पहले ही महाराष्ट्र के वरिष्ठ BJP नेता एकनाथ खडसे ने पार्टी के ही कुछ नेताओं पर साजिश का आरोप लगाया था। उन्होंने हाल के चुनावों में हार का मुंह देखने वाली अपनी बेटी और पंकजा मुड़े की हार की वजह को लेकर बड़ा बयान दिया था। खड़से ने कहा था, 'मेरी पंकजा से चर्चा हुई और पंकजा को भी लगता है कि उन्हें हराया गया है।' वहीं, खड़से ने एक बार फिर कहा कि उन्होंने चंद्रकांत पाटिल (महाराष्ट्र BJP अध्यक्ष) को कुछ ऑडियो और वीडियो सबूत के तौर पर दिए हैं और उनसे इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने का अनुरोध किया है। इस बीच शरद पवार से उनकी मुलाकात को लेकर कयासों का दौर शुरू हो गया है।
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खड़से पार्टी से चल रहे हैं नाराज
हालांकि, खड़से ने कहा किया कि उन्होंने सिंचाई के मुद्दे पर एनसीपी प्रमुख शरद पवार से बातचीत की है। पार्टी से नाराजगी की अटकलों पर उन्होंने कहा कि फिलहाल वे कहीं नहीं जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि वे सीएम उद्धव ठाकरे से भी मुलाकात करेंगे। बता दें कि खड़से ने बीजेपी के अजित पवार के समर्थन से सरकार बनाने के फैसले का भी बाद में विरोध किया था जब देवेंद्र फडणवीस ने बहुमत ना होने पर सीएम पद से उन्होंने इस्तीफा दे दिया था।
फडणवीस पर भी साधा था निशाना
इसके पहले खड़से ने कहा था, 'पार्टी में रहकर पार्टी के खिलाफ काम करने वाले लोगों की वजह से उनकी हार हुई है। उनके नाम मैंने चंद्रकांत पाटिल (महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष) को दे दिए हैं। देखते हैं कि क्या कार्रवाई होती है।' खडसे ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की ओर इशारा करते हुए कहा था कि जिन्होंने नेतृत्व किया उन्हें हार की जिम्मेदारी स्वीकार नहीं करनी चाहिए? उन्होंने बीजेपी-शिवसेना गठबंधन टूटने को लेकर कहा कि महायुति (गठबंधन) के लिए मतदान हुआ था। अगर दो कदम पीछे गए होते तो आज महायुति की सरकार होती।